यूक्रेन के विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में मीडिया से बातचीत में कहा, “जब भारत रूसी कच्चा तेल खरीदता है, तो उन्हें ये समझना होगा कि छूट का भुगतान यूक्रेन के खून से करना होगा। भारत को मिलने वाले रूसी कच्चे तेल के हर बैरल में यूक्रेन का खून होता है। हम भारत के लिए मित्रवत और खुले हैं। मैंने भारतीय छात्रों को निकालने का समर्थन किया। हमें भारत से यूक्रेन को और अधिक व्यावहारिक समर्थन की उम्मीद थी।”
यूक्रेन के विदेश मंत्री की ये प्रतिक्रिया तब सामने आई है जब भारत के विदेश मंत्री ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया था कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद नहीं करेगा।
Chinese Mobile Ban: भारत बैन करने वाला है चीनी मोबाइल?
बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई पश्चिमी देशों ने भारत से रूस से तेल नहीं खरीदने का आग्रह किया है, लेकिन भारत “भारतीय हितों” के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में मंगलवार को 9वीं भारत-थाईलैंड संयुक्त आयोग की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकरने कहा कि अमेरिका और कुछ अन्य भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने की स्थिति को जानते हैं, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।
जयशंकर ने कहा कि ‘हम अपने हितों को लेकर ओपन और ईमानदार हैं। जब आप अपने हित सामने रखते हैं तो मुझे लगता है कि दुनिया उसे काफी हद तक स्वीकार कर लेती है।’