भारत को अभी चीन की तरफ से कोई साफ संकेत तो नहीं मिले हैं, लेकिन माना जा रहा है दोनों पक्षों की तरफ से एक-दूसरे के विचारों को समझने की कोशिश लगातार जारी है। दोनों देशों के बीच इस मुद्दे पर अगली बैठक भी जल्द ही होगी। एनएसजी देशों की अगली बैठक इस महीने के अंत या अगले महीने की शुरुआत में होने वाली है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि संयुक्त सचिव (निरस्त्रीकरण व अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा) अमनदीप सिंह गिल और चीनी विदेश मंत्रालय के शस्त्र नियंत्रण महानिदेशक वांग क्यून के बीच सोमवार को बीजिंग में बातचीत हुई। वार्ता पूरी तरह से सकारात्मक माहौल में हुई है। दोनों पक्ष अपने-अपने नेताओं के निर्देशानुसार मिल रहे हैं। इनके बीच जल्द ही अगली बैठक भी होगी।
पिछले दो महीनों में दोनों पक्षों के बीच एनएसजी मुद्दे पर हुई यह तीसरी बैठक है। अगस्त 2016 में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और चीन के विदेश मंत्री वांग ई के बीच मुलाकात में भारत की तरफ से एनएसजी का मुद्दा उठाया गया था। तब यह सहमति बनी थी कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू किया जाए ताकि आपसी मतभेद को सुलझाया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक चीन को यह समझाने की कोशिश हो रही है कि किस तरह से भारत का एनएसजी का सदस्य बनना उसके स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े लक्ष्यों को हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण है। भारत का कहना है कि विकास और स्वच्छ ऊर्जा को अलग-अलग करके नहीं देखा जा सकता है।