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अब भारत देगा ड्रैगन को झटका, चीन के सिल्क रुट के जवाब में इंडिया को मिला यूएस का साथ

locationबगरूPublished: May 24, 2017 09:03:00 pm

इस परियोजना को साल 2011 में तत्कालीन अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने हरी झंडी दिखाई थी। जिसके बाद पिछले दिनों ट्रंप प्रशासन ने इस योजना को फिर से चालू करने की घोषणा की है।

indo america relation

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भारत ने चीन के वन बेल्ट वन रोड (OBOR) का जवाब देने का रास्ता खोज लिया है। अमरीका द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया में दो महत्वपूर्ण परियोजना को फिर से जीवित किया जा रहा है। जिसमें भारत का अहम योगदान होगा। ऐसे में इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद अमरीका और भारत का प्रभाव कई देशों में बढ़ेगा। जो कि चीन के सिल्क रोड परियोजना को कड़ी टक्कर देगा। 
चीन के OBOR के जवाब में अमीरका ने दो प्रोजेक्ट पर काम शरु कर दिया है। यह परियोजना भारत और प्रशांत आर्थिक कॉरिडोर दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया को जोड़ता है। जहां इस नई सिल्क रोड (एनएसआर) से अमरीका और भारत मिलकर इस क्षेत्र में चीन के दबदबे को कम करने की पूरी कोशिश करेंगे। ध्यान हो कि इस परियोजना को साल 2011 में तत्कालीन अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने हरी झंडी दिखाई थी। जिसके बाद पिछले दिनों ट्रंप प्रशासन ने इस योजना को फिर से चालू करने की घोषणा की है। 
अमरीका के स्टेट डिपार्टमेंट के मुताबिक, परियोजना को शरु करने की दिशा में इसके दक्षिण और मध्य एशिया के बजट संबंधी अनुरोध को दो पहलों का समर्थन करेंगे। साथ ही इस परियोजना से जुड़ी संक्षिप्त रूपरेखा ट्रंप सरकार के वार्षिक बजट में भी पेश की गई थी। जिसके बाद अमरीकी सरकार ने फंड जारी कर दिया है। जहां परियोजना का अहम भागीदार भारत होगा। 
अमरीकी प्रशासन के मुताबिक, नई सिल्क रोड के जरिए अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों पर सबसे अधिक ध्यान दिया जाएगा। जो कि इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक कॉरिडोर दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया को जोड़ेने का काम करेगा। जिससे क्षेत्रिय कारोबार को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। तो वहीं इस परियोजना का सबसे अधिक लाभ अफगानिस्तान और उसके पड़ोसी देशों को मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
गौरतलब है कि चीन जल, थल मार्ग से एशिया, यूरोप और अफ्रीका के 65 देशों को जोड़ने वाली अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना का आयोजन किया था। जिसमें सौ से ज्यादा देशों ने हिस्सा लिया था। पर भारत ने इसमें शामिल होने से ना कर दिया। चीन, पाकिस्तान समेत कई देशों के साथ मिलकर वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) पर काम शुरु कर रहा है। तो वहीं इस परियोजना में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से गुजरने वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भी शामिल है। जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया था।
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