दरअसल, जीनोम सीक्वन्सिंग के दौरान कुल 376 सैम्पल लिए गए थे जिनमें से 230 केवल मुंबई के ही थे। जीनोम सीक्वन्सिंग टेस्ट का ये 11 वां बैच था। 230 में 228 सैम्पल ओमीक्रॉन के हैं, एक कप्पा और 1 XE वैरिएंट दर्ज किया गया है।
बता दें कि XE वैरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन में 19 जनवरी को सामने आया था। अब तक 600 से अधिक XE वैरिएंट मामलों की पुष्टि हो चुकी है। एक ब्रिटिश जर्नल के अनुसार XE वैरिएंट BA.1 और BA.2 को मिलकर बना है। इसमें ये भी दावा किया गया है कि XE वैरिएंट BA.2 के मुकाबले 10 गुना ज्यादा संक्रामक है। कोरोना वायरस के BA.2 ओमीक्रोन सब-वेरिएंट वही है जिसको लेकर अमेरिका की टेंशन बढ़ी हुई है।
बता दें कि XE वैरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन में 19 जनवरी को सामने आया था। अब तक 600 से अधिक XE वैरिएंट मामलों की पुष्टि हो चुकी है। एक ब्रिटिश जर्नल के अनुसार XE वैरिएंट BA.1 और BA.2 को मिलकर बना है। इसमें ये भी दावा किया गया है कि XE वैरिएंट BA.2 के मुकाबले 10 गुना ज्यादा संक्रामक है। कोरोना वायरस के BA.2 ओमीक्रोन सब-वेरिएंट वही है जिसको लेकर अमेरिका की टेंशन बढ़ी हुई है।
WHO XE वैरिएंट से जुड़े खतरों पर लगातार नजर बनाए हुए है। इससे जुड़ी जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं उसे वो अपडेट कर रहा है। वहीं XE वैरिएंट को लेकर ICMR ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज सभी वयस्कों को दी जानी आवश्यक है, क्योंकि दो डोज से शरीर में बनी एंटीबॉडी 8 महीने के बाद कम हो जाता है।
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