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भारत ने संभाली G20 की अध्यक्षता, PM मोदी बोले- एकता की भावना को बढ़ाने पर रहेगा जोर

locationनई दिल्लीPublished: Dec 01, 2022 03:34:40 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

India G-20 Presidency: भारत आज से जी-20 देशों के समूह का अध्यक्ष बन गया है। एक दिसंबर को भारत ने औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता संभाली। जी-20 का अध्यक्ष बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लेख लिखकर अपने एजेंडे के बारे में जानकारी दी।
 

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India took G 20 Presidency PM Modi says will promote a sense of unity in World

India G-20 Presidency: भारत ने गुरुवार से औपचारिक रूप से जी 20 की अध्यक्षता संभाल ली है। भारत 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक जी20 की अध्यक्षता करेगा। भारत के जी-20 अध्यक्ष बनने की घोषणा पिछले महीने इंडोनेशिया में संपन्न हुए जी-20 के समिट के दौरान की गई थी। आज औपचारिक रूप से जी 20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लेख में कहा कि देश एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा। अपने लेख में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जी20 की पिछले 17 अध्यक्ष देशों ने मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिरता सुनिश्चित करने, अंतरराष्ट्रीय कराधान को युक्तिसंगत बनाने, देशों पर ऋण-भार से राहत देने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण परिणाम दिए। अब भारत जी 20 का अध्यक्ष बना है। हम भारत की सीख, अनुभव और मॉडल को सदस्य देशों को बताएंगे।



पीएम मोदी ने अपने लेख में लिखा कि हम इन उपलब्धियों से लाभान्वित होंगे और उन पर और निर्माण करेंगे। भारत सभी जीवित प्राणियों और यहां तक कि निर्जीव चीजों को भी एक ही पांच मूल तत्वों से बना हुआ देखता है, जिसमें पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष का ‘पंच तत्व’ शामिल है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारी जी20 अध्यक्षता के दौरान, हम भारत के अनुभवों, सीखों और मॉडलों को दूसरे देशों को प्रस्तुत करेंगे।”



पीएम मोदी ने लिखा कि हमारी जी20 प्राथमिकताओं को जी20 भागीदारों के परामर्श से आकार दिया जाएगा, जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी कर दी जाती है। हमारी प्राथमिकताएं हमारे ‘एक पृथ्वी’ को ठीक करने, हमारे ‘एक परिवार’ के भीतर सद्भाव पैदा करने और हमारे ‘एक भविष्य’ की आशा देने पर केंद्रित होंगी। अपने ग्रह को ठीक करने के लिए, हम भारत की प्रकृति के प्रति ट्रस्टीशिप की परंपरा के आधार पर टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को प्रोत्साहित करेंगे।

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लेख में आगे बताया गया कि, “आज हम जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उसमें जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी का समाधान आपस में लड़कर नहीं, बल्कि मिलकर काम कर ही किया जा सकता है। सौभाग्य से, आज की तकनीक हमें मानवता-व्यापक पैमाने पर समस्याओं का समाधान करने का साधन भी प्रदान करती है।”

 


प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “सामूहिक निर्णय लेने की सबसे पुरानी ज्ञात परंपराओं के साथ, भारत लोकतंत्र के मूलभूत डीएनए में योगदान देता है। लोकतंत्र की जननी के रूप में, भारत की राष्ट्रीय सहमति फरमान से नहीं, बल्कि लाखों स्वतंत्र आवाजों को एक सुरीले स्वर में मिला कर बनाई गई है। इन सभी कारणों से भारत के अनुभव संभावित वैश्विक समाधानों के लिए मंच प्रदान कर सकते हैं।”


 


जी20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार के 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की आबादी के लगभग दो-तिहाई का प्रतिनिधित्व करता है। अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान, भारत पूरे भारत में कई स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 बैठकें आयोजित करेगा। अगले वर्ष आयोजित होने वाला जी20 शिखर सम्मेलन, भारत द्वारा आयोजित की जाने वाली सर्वोच्च प्रोफाइल अंतर्राष्ट्रीय सभाओं में से एक होगा।


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