तुर्की के अंताल्या में जी-20 की प्रस्तावित बैठक में भारत कालाधन, समावेशी विकास, वित्तीय नियमन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में शासकीय सुधार जैसे प्रमुख मुद्दे उठाएगा।
तुर्की के अंताल्या में जी-20 की प्रस्तावित बैठक में भारत कालाधन, समावेशी विकास, वित्तीय नियमन और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में शासकीय सुधार जैसे प्रमुख मुद्दे उठाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि 15 और 16 को अंताल्या में होने वाली बैठक में पिछले वर्ष की ही तरह, भारत का फोकस कालेधन के प्रकोप को कम करने, कर चोरी तथा अधिक पारदर्शिता लाने पर बना रहेगा।
सम्मेलन के दौरान विश्व के नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी जो हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने में मदद करेंगी।
मोदी ने लिखा है, ‘जी-20 सम्मेलन के लिए तुर्की की मेरी यात्रा 14 नवम्बर से शुरू होगी। सम्मेलन ऐसे महत्वपूर्ण समय पर आयोजित किया जा रहा है जब संयुक्त राष्ट्र में टिकाऊ विकास लक्ष्य एजेंडा को तुरंत लागू किया गया है तथा पेरिस में 30 नवम्बर से एक दिसंबर तक सीओपी-21 में जलवायु परिवर्तन पर विचार-विमर्श बस शुरू ही होने वाला है।’
उन्होंने लिखा है, ‘सम्मेलन के दौरान, हम ब्रिस्बेन सम्मेलन में किए फैसलों पर समीक्षा करेंगे और जलवायु परिवर्तन, शरणार्थियों, वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्त वृद्धि, विकास एवं रोजगार के लिए नीतियां, निवेश रणनीतियां, व्यापार, ऊर्जा एवं वित्तीय क्षेत्र गतिशीलता के मुद्दों को उठाएंगे।’
इस बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष एवं जी-20 बैठक में भारत के ‘शेरपा’ अरविंद पानगडिय़ा ने संवाददाताओं को बताया कि 15 और 16 नवम्बर को होने वाली जी-20 की बैठक में हिस्सा ले रहे प्रधानमंत्री के एजेंडे में आईएमएफ में शासकीय सुधार, समावेशी विकास, वित्तीय नियमन, शरणार्थी संकट आदि महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल होंगे।