दरअसल, इतनी भारी संख्या में सैनिकों को स्थानांतिरत करने की प्रक्रिया पिछले करीब दो साल से अधिक समय से चल रही है। एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट की मानें तो चीन बॉर्डर पर यानी LAC पर अब तक 35 हजार सैनिक तैनात किए जा चुके हैं। न्यूज एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि पिछले दो वर्षों में लगभग 35 हजार सैनिक चीन सीमा पर शिफ्ट किए गए हैं। एलएसी पर भेजे गए सैनिकों में कुछ ऐसे जांबाज में भी हैं, जो आतंकवाद विरोधी भूमिकाओं में सक्रिय थे।
राष्ट्रीय राइफल्स की एक डिवीजन को कुछ ही समय पहले जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद विरोधी भूमिकाओं से हटा दिया गया था और अब इसी डिवीजन को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के पास तैनात किया गया है। इसी तरह तेजपुर स्थित गजराज कोर के तहत असम स्थित एक डिवीजन को उग्रवाद विरोधी भूमिका से हटाकर पूर्वोत्तर में चीन की सीमा की देखभाल करने के लिए शिफ्ट किया गया है।
राष्ट्रीय राइफल्स की एक डिवीजन को कुछ ही समय पहले जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद विरोधी भूमिकाओं से हटा दिया गया था और अब इसी डिवीजन को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के पास तैनात किया गया है। इसी तरह तेजपुर स्थित गजराज कोर के तहत असम स्थित एक डिवीजन को उग्रवाद विरोधी भूमिका से हटाकर पूर्वोत्तर में चीन की सीमा की देखभाल करने के लिए शिफ्ट किया गया है।
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चीन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय सेना ने यह कदम उठाने का फैसला किया है। हाल के दिनों में चीन ने भारतीय चौकियों के खिलाफ बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को एलएसी पर भेजा था, लेकिन अब भारत ने भी बढ़त बनाने का फैसला किया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाकिस्तान सीमा से ज्यादा अब चीन सीमा पर भारत के लिए चुनौती है और इसी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना के 6 डिवीजन की तैनाती लद्दाख सेक्टर में की जानी है। यह भी पढ़ें