scriptभारतीय सेना की महाशक्ति बनेंगी हल्की होवित्जर तोपें, चीन की सीमा पर होंगी तैनात | Indian Army to get Modern Artillary, Hwitzer Gun, Installation at Indo-Sino Border | Patrika News

भारतीय सेना की महाशक्ति बनेंगी हल्की होवित्जर तोपें, चीन की सीमा पर होंगी तैनात

Published: May 18, 2017 03:25:00 pm

होवित्जर तोपें लगभग 40 किमी दूर स्थित टारगेट पर सटीक निशाना साध सकती हैं। तो वहीं डिजिटल फायर कंट्रोल से संचालित यह तोप एक मिनट में 5 राउंड फायर कर सकती है।

Indian Army

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भारत को एक लंबे इंतजार के बाद होवित्जर तोप 145 एम-777 मिलने जा रहा है। बोफोर्स तोपों के सौदे के लगभग 3 दशक बाद भारतीय सेना के बेड़े में एम-777 को शामिल किया जा रहा है। अमरीका से सौदे के तहत खरीदने के बाद इसका परीक्षण गुरुवार को पोखरण में किया जाएगा। वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि होवित्जर तोपों को सेना में इस सप्ताह तक शामिल कर लिया जाएगा। 
इन तोपों को खरीदने के लिए भारत सरकार ने 30 नंवबर को अमरीका के साथ एक समझौता किया था। जिसे 17 नंवबर को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। तो वहीं भारीतय सेना में इन तोपों के शामिल होने के बाद सेना की ताकत में इजाफा होने की बात कही जा रही है। होवित्जर तोपें लगभग 40 किमी दूर स्थित टारगेट पर सटीक निशाना साध सकती हैं। तो वहीं डिजिटल फायर कंट्रोल से संचालित यह तोप एक मिनट में 5 राउंड फायर कर सकती है।
साल 1986 में बोफोर्स तोप सौदा के बाद पहली बार सेना के लिए आधुनिक तोप खरीदने का रास्ता साफ हो चुका है। इन तोपों को खरीदने के लिए भारत और अमरीका के बीच 2900 करोड़ रुपए की डील हुई है। जिसके तहत अमरीका भारत को 145 होवित्जर तोपों को देगा। सबसे खास बात इन हल्की होवित्जर तोपों को सेना आसानी से जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में ले जा सकेगी। 
पिछले काफी समय से इन तोपों को खरीदने की बात होवित्जर की कीमत पर अटकी हुई थी। लेकिन अब रास्ता साफ हो गया है। तो वहीं माना जा रहा है कि चीन की बढ़ती दखल को देखते हुए इन तोपों का सौदा और जरुर हो गया था। साथ ही इन हल्के होवित्जर तोपों को देश के पूर्वी सीमा पर तैनाती को देखते हुए इसे खरीदा जा रहा है। 
गौरतलब है कि साल 1986 में भारत ने स्वीडिश कंपनी से डील के बाद बोफोर्स तोपें खरीदी थीं। लेकिन इन तोपों की खरीद और उसके सौदे को लेकर देश में काफी विवाद हो गया था। जिसके बाद से देश की सेना लंबे अरसे तक आधुनिक तोपों से वंचित रहना पड़ा था। तो वहीं तत्कालीन सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों का भी सामना करना पड़ा था।
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