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Indian Coast Guard: महिलाओं की सुविधा केअनुरूप जहाज की डिजाइन नहीं, सुप्रीम कोर्ट में ICG का बयान

Indian Coast Guard: इंडियन कोर्ट गार्ड ने एक महिला अधिकारी की स्थायी कमीशन की मांग वाली याचिका की सुनवाई के दौरान बताया कि जहाजों को महिलाओं के लिए अलग से आवास या सुविधाओं के हिसाब से डिजाइन नहीं किया गया था। इन चुनौतियों को आइसीजी चरणबद्ध ढंग से हल करेगी।

Mar 14, 2024 / 08:15 am

Shivam Shukla

स्थायी कमीशन की मांग करने वाली एक महिला अधिकारी की याचिका पर बुधवार को भारतीय तटरक्षक बल (आइसीजी) ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि महिला अधिकारियों को समुद्री अभियानों पर भेजने के लिए अभी जहाजों के बुनियादी ढांचे में कई बदलाव किए जाने हैं। आइसीजी मुख्य रूप से समुद्री सेवा है, इसलिए अपने 66 फीसदी बिलेट्स (अस्थायी आवास) को फ्लोटिंग यूनिट के लिए आवंटित करता है, जबकि 33 फीसदी बिलेट्स तटीय यूनिट के लिए छोड़ता है। चूंकि कम रिक्तियों के कारण अधिकारियों का कार्यकाल लंबा हो जाता है, इसलिए महिला अधिकारियों के लिए सिर्फ 10 फीसदी बिलेट्स पर ही विचार किया गया था।

ये है पूरा मामला

यचिकाकर्ता महिला अधिकारी को 2009 में सहायक कमांडेंट के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें 2015 में डिप्टी कमांडेंट और 2021 में कमांडेंट पद पर पदोन्नत किया गया। उन्होंने 2021 में कमांडिंग अधिकारियों से स्थायी कमीशन के लिए अनुरोध किया था। एक साल बाद उनका अनुरोध पत्र इस आधार पर बिना कार्रवाई लौटा दिया गया कि रक्षा मंत्रालय का 25 फरवरी, 2019 का पत्र आइसीजी पर लागू नहीं होता, जिसमें महिला अधिकारियों के स्थायी समावेशन के बारे में कहा गया था। इस मामले को उन्होंने हाईकोर्ट में उठाया, लेकिन कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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