भारतीय राजदूत शंभू कुमारन ने कहा 'भले ही ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है लेकिन फिलीपींस के साथ भारत के जो सौदा किया है उसमें रूस का कोई हस्तक्षेप नहीं है। ये समझौता द्विपक्षीय आधार पर ही आगे बढ़ाया गया है।'
ये बातें भारतीय राजदूत ने अनंत केंद्र द्वारा आयोजित 'द फिलीपींस: इंडियाज न्यू इंडो-पैसिफिक पार्टनर' पर एक वेबिनार में कही हैं। उन्होंने ये भी बताया कि फिलीपींस के रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेंजाना ने ब्रह्मोस पर अपना विश्वास जताया है। उन्होंने ये भी कहा कि इस मिसाइल का इस्तेमाल भारत व्यापक रूप से करता आया है। ये निर्णय दोनों देशों के बीच राजनीतिक समझ से प्रेरित था।
ये बातें भारतीय राजदूत ने अनंत केंद्र द्वारा आयोजित 'द फिलीपींस: इंडियाज न्यू इंडो-पैसिफिक पार्टनर' पर एक वेबिनार में कही हैं। उन्होंने ये भी बताया कि फिलीपींस के रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेंजाना ने ब्रह्मोस पर अपना विश्वास जताया है। उन्होंने ये भी कहा कि इस मिसाइल का इस्तेमाल भारत व्यापक रूप से करता आया है। ये निर्णय दोनों देशों के बीच राजनीतिक समझ से प्रेरित था।
भारतीय राजदूत ने बताया कि दोनों देशों के बीच पहले समझौते पर पिछले साल मार्च में ही हस्ताक्षर किए गए थे, दूसरे समझौते पर नवंबर में और इस सौदे पर इस जनवरी में हस्ताक्षर किए गए थे।
स्पष्ट है इस डील में रूस का कोई हस्तक्षेप नहीं है। भारत ने डील अपनी शर्तों पर की है। बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम में तैयार किया गया है। इस मिसाइल को जल, थल और वायु से छोड़ा जा सकता है और इस क्षमता को ट्रायड कहा जाता है।
स्पष्ट है इस डील में रूस का कोई हस्तक्षेप नहीं है। भारत ने डील अपनी शर्तों पर की है। बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम में तैयार किया गया है। इस मिसाइल को जल, थल और वायु से छोड़ा जा सकता है और इस क्षमता को ट्रायड कहा जाता है।
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