ऐसी रिपोर्ट है कि पश्चिमी देशों पर बम हमलों को अंजाम देने के लिए चालक रहित कार के निर्माण में आईएस जुटा है। यदि आतंकी संगठन चालक रहित कार के निर्माण में सफल हो जाता है तो यह यूरोप और अमेरिका के लिए भारी सिरदर्द साबित हो सकता है। इस बाबत नाटो के उप सहायक महासचिव जेमी शिया ने कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) राक्का में इस कार को विकसित करने में लगा है। शिया ने कहा, केवल गूगल ही नहीं, बल्कि आईएस भी चालक रहित कार के विकास के प्रयास में लगा है।
READ: BJP सांसद ने लड़की की जींस उतरवाकर देखना चाहा…, VIDEO वायरल कैसे काम करती है गूगल की ड्राइवर लेस कार गूगल की ड्राइवर लेस कार में आठ सेंसर लगे हैं, जो कार की छत पर घूमते रहते हैं। ये 32 से 64 लेजरों की सारणी तैयार करते हैं और 200 मीटर की रेंज एक 3डी का मानचित्र तैयार करते हैं। साथ ही पैदल चलने वालों, मोटरसाइकिल सवारों और रेड लाइट जैसे नजदीकी के दृश्यों की पहचान के लिए लगे विंडस्क्रीन कैमरे की जरिए तथ्यों की पहचान कर आगे बढ़ते हैं।
READ: रिलायंस ने दिया अब तक का सबसे सस्ता 4G पैक, दाम सुनकर उड़ जाएंगे होश कैसे मिलती है कार को सूचना बाहर से गुगल की ड्रावरलेस कार की छत पर घूम रहे सेंसर को जीपीएस सैटेलाइट के जरिए सूचना मिलती है और अल्ट्रासोनिक सेंसर कार के पिछले पहिए में लगे होते हैं, जो कार की मूवमेंट को तय करते हैं। आंतरिक रूप से कार में अल्टिमीटर, जिरोस्कोप और टेकोमीटर लगे होते हैं, जो कार की स्थिति को निर्धारित करते हैं। इन तीनों के बीच समन्वय से यातायात की सुरक्षा पुख्ता होती है।