आयकर विभाग ने खास तौर पर उन अकाउंट्स के बारे में यह जानकारी मांगी है, जिनमें नोटबंदी के बाद भी 2.5 लाख या 12.5 लाख से अधिक की राशि जमा हुई है।
नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद बैंक खाते में काले धन जमा करने वालों की अब खैर नहीं है। आयकर विभाग ने बैंकों और डाकघरों से 1 अप्रैल, 2016 से 9 नवंबर, 2016 तक सेविंग अकाउंट में कैश डिपॉजिट की जानकारी मांगी है।
आयकर विभाग ने खास तौर पर उन अकाउंट्स के बारे में यह जानकारी मांगी है, जिनमें नोटबंदी के बाद भी 2.5 लाख या 12.5 लाख से अधिक की राशि जमा हुई है। मंत्रालय के इस आदेश के बाद आयकर विभाग ने 2.5 लाख से अधिक डिपॉजिट वाले सेविंग अकाउंट्स के बारे में बैंकों से कैश डिपॉजिट की डिटेल मांगी है।
28 फरवरी तक पैन नंबर या फार्म 60 जमा करने के निर्देश
रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों से मिले डेटा का इस्तेमाल तुलनात्मक अध्ययन के लिए किया जाएगा। इससे इन खातों की डिपॉजिट हिस्ट्री की जानकारी मिल सकेगी। इसके साथ ही बैंकों और डाकघरों को यह निर्देश दिया गया है कि अकाउंट खुलवाते वक्त जिन खाताधारकों ने पैन कार्ड या फार्म 60 जमा नहीं किए हैं उन्हें 28 फरवरी तक जमा कराने के लिए कहा जाय। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
पैन नंबर न होने पर फार्म 60 की जरूरत
पीएम नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। इनकम टैक्स ऐक्ट के नियम 114B के मुताबिक बैंकों अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे खाताधारकों से पैन नंबर या उसके न होने पर फॉर्म 60 जमा कराएं। फॉर्म 60 एक घोषणा पत्र होता है, जिसे पैन नंबर न होने की स्थिति में भरा जाता है।
पैन नंबर से लगेगी काले धन पर लगाम
सरकार का मानना है कि बैंकों में पैन नंबर अनिवार्य किए जाने से काले धन पर लगाम लग सकेगी। हालांकि कई बैंक खाते ऐसे भी हैं, जो बहुत पुराने हैं और तब खाते के साथ पैन नंबर देना जरूरी नहीं था। इसके अलावा कुछ सैलरी अकाउंट्स भी हैं, जिनमें पैन नंबर देने की अनिवार्यता नहीं थी।