हाल ही में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। इस चुनाव के दौरान कुल 725 वोट पड़े थे जिनमें से 15 वोट अवैध मिले। कुल वोटों में से धनखड़ को 528 वोट मिले थे जबकि विपक्षी उम्मीदवार को केवल 182 वोट मिले थे। 1997 के बाद से पिछले 6 उप राष्ट्रपति चुनावों को देखें तो धनखड़ की जीत को मिली जीत बड़े अंतर से हुई है।
हालांकि, 1992 में केआर नारायणन के नाम सबसे बड़े अंतर के साथ जीत मिलने का रिकॉर्ड दर्ज है जिन्हें 710 में से 700 वोट प्राप्त हुए थे।
राजस्थान के इस गांव में बीता जगदीप धनखड़ का बचपन
बता दें कि धनखड़ राजस्थान के झुझुनूं जिले के रहने वाले हैं। राजनीति में आने से पहले वो वकालत करते थे और देश के प्रतिष्ठित वकीलों की लिस्ट में भी आते थे। वर्ष 1990 में उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट में वरिष्ठ वकील का ओहदा मिला था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से लेकर देशभर के कई हाईकोर्ट में वो वकालत की प्रैक्टिस कर चुके हैं। वर्ष 1989 में वो सक्रिय राजनीति में आए थे।
1989 में ही उन्होंने जनता दल की टिकट पर 9वीं लोकसभा के लिए झुनझुनू से चुनाव लड़ा था और पहली बार सांसद बने थे। केंद्र सरकार ने उन्हें 2019 में पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया था और इसी दौरान ममता सरकार के साथ टकराव को लेकर वो काफी सुर्खियों में भी रहे हैं।