दरअसल, रजौरी जिले के परगल में स्थित आर्मी कैम्प में 3 आतंकियों ने घुसने की कोशिश की। इन आतंकियों ने आर्मी कैम्प पर आत्मघाती हमला किया जिसके जवाब में सेना ने उनपर फायरिंग की जिसमे 3 आतंकी ढेर हो गए हैं। इस दौरान तीन जवान शहीद हो गए। इस घटना के बाद इलाके में घेराबंदी बढ़ा दी गई है और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। स्वतंत्रता दिवस से पहले इन आतंकियों की बड़ी साजिश थी जिनके मंसूबे 2016 के उरी हमले को दोहराना था।
कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या का बदला हुआ पूरा
गौरतलब है कि 18 सितंबर 2016 को उरी में भी इसी तरह सुबह जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों ने सेना के कैम्प पर हमला किया था जिसमें देश के 19 जवान शहीद हो गए थे और कई घायल हुए थे। आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ लगभग 6 घंटे तक चली थी। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी और कई आतंकी लॉन्च पैड नष्ट कर दिए थे।
बता दें कि बुधवार को सुरक्षाबलों ने कश्मीरी पंडितों की हत्या में शामिल तीन आतंकियों को बडगाम जिले में मार गिराया था। कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट का हत्यारा लतीफ़ राथर भी इसमें शामिल था जिसे मार गिराया गया है।