शाह ने कहा इस मंदिर की वास्तुकला और निर्माण शारदा पीठ के तत्वाधान में पौराणिक शास्त्रों के अनुसार किया गया है। श्रृंगेरी मठ द्वारा दान की गई शारदा मां की मूर्ति को 24 जनवरी से लेकर यहां स्थापित करने तक एक यात्रा के रूप में लाया गया है। उन्होंने कहा कि कुपवाड़ा में माँ शारदा के मंदिर का पुनर्निर्माण होना शारदा-सभ्यता की खोज व शारदा-लिपि के संवर्धन की दिशा में एक आवश्यक एवं महत्त्वपूर्ण कदम है। शाह ने कहा कि एक जमाने में भारतीय उपमहाद्वीप में शारदा पीठ ज्ञान का केन्द्र माना जाता था, शास्त्रों और आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में देशभर के विद्वान यहां आते थे। उन्होंने कहा कि शारदा लिपि हमारे कश्मीर की मूल लिपि है, जिसका नाम भी मां के नाम के आधार पर रखा गया है। ये महाशक्ति पीठों में से एक है और मान्यताओं के अनुसार मां सती का दाहिना हाथ यहां गिरा था।
शाह ने जोर देकर कहा कि कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद शांति स्थापित होने से घाटी और जम्मू फिर एक बार अपनी पुरानी परंपराओं, सभ्यता और गंगा-जमुनी तहज़ीब की ओर लौट रहे हैं। शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की जमकर पीठ थपथपाई। शाह ने कहा जिस शिद्दत से सिन्हा ने केंद्र की सारी फ्लैगशिप योजनाओं को जमीन पर उतारने का काम किया है वो प्रशंसनीय है। मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में औद्योगिक निवेश लाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।