सेना ने बताया कि पंपोर में खोजबीन अभियान चल रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई विस्फोटक सामग्री तो इमारत में नहीं है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि मुठभेड़ खत्म हो गई है और खोजबनी अभियान जारी है। दोनों आतंकवादियों के शव मौके से बरामद हो गए है। उनके पास से दो एके 47 राइफल भी बरामद की गई है।
इससे पहले मुठभेड़ में एक जवान और एक पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। कश्मीर घाटी को देश के शेष हिस्सों से जोडने वाले इस राजमार्ग पर पंथा चौक से पम्पोर की और यातयात को सुरक्षा कारणों से निलंबित कर दिया गया है और वाहनों को सोमरबग और अन्य मार्गों से जाने की अनुमति दी गई है।
सुरक्षाबलों द्वारा दर्जनों रॉकेट, मोर्टार के गोले दागे जाने और आईईडी विस्फोट किए जाने के बाद से इस इमारत को काफी क्षति पहुंची है। सुरक्षाबलों ने इमारत से आतंकवादियों को निकालने के लिए आंसू गैस और काली मिर्च के गोले भी दागे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बहुमंजिली इमारत में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद सोमवार सुबह से ही अभियान चलाया गया। अतिरिक्त सुरक्षाबलों और सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। किसी भी प्रदर्शन को रोकने के लिए आसपास के इलाकों में अद्र्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। आतंकवादी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को लेकर जा रही एक बस पर हमला करने के बाद इस इमारत में छिपे हुए है।
पिछले कुछ घंटों के दौरान इस मुठभेड़ में जेकेईडीआई के कर्मचारी अब्दुल गनी मीर की मौत हो गई और 10 पैरा बटालियन के 22 वर्षीय कैप्टन पवन कुमार सहित सेना के तीन जवान और दो अद्र्धसैनिक बलों के जवान भी शहीद हो गए।