विभागों को आवंटन करना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती
हालांकि, अब तक विभागों का कोई आवंटन नहीं किया गया है। इसको लेकर बीजेपी ने भी कांग्रेस का मजाक बनाया है। विभिन्न समुदायों को संतुलित करने और उनका प्रतिनिधित्व करने की जरूरत को देखते हुए मंत्रियों की सूची तैयार करना या विभागों का आवंटन करना कांग्रेस के लिए एक मुश्किल काम होगा।
कांग्रेस की जीत में लिंगायत का अहम योगदान
राज्य में राजनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण समुदाय लिंगायत ने कांग्रेस की जीत में अपने बड़े योगदान का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पद के लिए दावा पेश किया था। लिंगायत मुख्यमंत्री की गैर-मौजूदगी में ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मंत्री पद का एक हिस्सा इसी समुदाय के विधायकों को मिलेगा।
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कांग्रेस पर वादों को पूरा करने का भी दबाव अगले साल होने वाले आम चुनावों के साथ, कांग्रेस पर भी त्वरित परिणाम दिखाने और चुनावों से पहले किए गए वादों को पूरा करने का दबाव है। बात दें कि विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने कर्नाटक की जनता से पांच गारंटी वादा किया था। सिद्धारमैया सरकार के सामने इनको पूरा करना भी बड़ी चुनौती माना जा रहा है।
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सिद्धारमैया और शिवकुमार ने 20 मई को ली थी शपथ आपको बता दें कि 20 मई को सिद्धारमैया और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे सहित आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। आठ और मंत्री- जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, केजे जॉर्ज, एमबी पाटिल, सतीश जारकीहोली, प्रियंका खड़गे, रामलीमगा रेड्डी और बीजेड जमीर अहमद खान ने शपथ ली है।