script205 किलो प्याज की मात्र 8 रुपए मिली कीमत, 405 KM चलकर मंडी पहुंचा था किसान | Karnataka Farmer Travelled 415 Km to sell 205 Kg onion got only 8 rupees | Patrika News

205 किलो प्याज की मात्र 8 रुपए मिली कीमत, 405 KM चलकर मंडी पहुंचा था किसान

locationनई दिल्लीPublished: Nov 30, 2022 03:35:55 pm

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

कर्नाटक के एक किसान को 205 किलो प्याज बेचने पर मात्र 8 रुपए मिले। किसान उत्तरी कर्नाटक के गडग जिले से 405 किलोमीटर की दूरी तयकर बेंगलुरु के यशवंतपुर मंडी में पहुंचा था।

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Karnataka Farmer Travelled 415 Km to sell 205 Kg onion got only 8 rupees

किसानों की उन्नति के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। लेकिन इन योजनाओं के बाद भी किसानों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। किसानों की दुर्दशा को दिखाने वाला एक ताजा उदाहरण कर्नाटक से सामने आया है। जहां 205 किलो प्याज की एक किसान को मात्र 8 रुपए कीमत मिली। किसान प्याज को बेचने के लिए 415 किमी चलकर मंडी पहुंचा था। किसान के मिले बिल की तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। लोग इसे शेयर करते हुए कई सवाल उठा रहे हैं।

मामला कर्नाटक के गडग जिले के एक किसान से जुड़ा है। अपने जिले में प्याज की सही कीमत नहीं मिलने पर इस किसान ने 415 किमी. दूर बैंगलुरु मंडी जाने का फैसला किया था। लेकिन बेंगलुरु की यशवंतपुर मंडी में किसान को 205 किलो प्याज बेचने पर सभी टैक्स काटकर मात्र 8.36 रुपए ही हाथ लगे। इस घटना से निराश किसान ने प्याज की बिक्री की रसीद सोशल मीडिया पर डाल दी, जो अब तेजी से वायरल हो रही है।

 

https://twitter.com/narendramodi?ref_src=twsrc%5Etfw


पीड़ित किसान गडग जिले के पवादेप्पा हल्लीकेरी ने बताया कि बैंगलुरु की यशवंतपुर मंडी में थोक व्यापारी ने 200 रुपये प्रति क्विंटल के भाव प्याज खरीदा। इसके बाद थोक व्यापारी ने किसान के नाम जो रसीद बनाई, उसमें 377 रुपये का मालवाहक शुल्क और 24 रुपये प्याज की उठावनी का शुल्क भी था। इन सभी की लागत घटाकर आखिर में किसान के हाथ सिर्फ 8 रुपये 36 पैसे ही आए।


पवादेप्पा हल्लीकेरी ने बताया कि ऐसे ही हालात अन्य किसानों के भी है। हल्लीकेरी ने बताया कि पुणे और महाराष्ट्र के किसान भी अपनी प्याज की उपज बेचने के लिए बेंगलुरु की यशवंतपुर मंडी आते हैं। इन किसानों की फसल काफी अच्छी होती है तो अच्छे दाम भी मिलते हैं, लेकिन किसी ने भी यह उम्मीद नहीं की थी कि अचानक प्याज के दाम इतने कम हो जाएंगे।


किसान ने बताया कि गडग और उत्तरी कर्नाटक के किसानों को प्याज की सही कीमत नहीं मिल रही। प्याज को बाजार पहुंचाने के लिए किसान ने 25,000 रुपये खर्च किए। लेकिन उसे एक कप चाय की कीमत भी नहीं मिली। मालूम हो कि इस साल कर्नाटक के कई इलाकों में प्याज उत्पादक किसानों को मौसम की मार का भी सामना करना पड़ा, जिसका असर फसल की उपज के साथ-साथ उसकी क्वालिटी पर भी पड़ा। अब किसान प्याज को फ्री में बांटने में विवश हैं।

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