‘मैं हिंदू हूं…बीफ खा सकता हूं’
सिद्धारमैया ने कहा कि, ‘मैं हिंदू हूं. लेकिन मैंने अभी तक बीफ नहीं खाया, लेकिन मैं जब चाहूं बीफ खा सकता हूं, मुझे कौन रोकेगा? आप मुझ पर सवाल उठाने वाले कौन हैं?
यह भी पढ़ें – कर्नाटक : अपनी ‘सुरक्षा’ के लिए एमबी पाटिल से मिले अश्वथ कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने कहा, बीफ खाने वाले सिर्फ एक समुदाय से ताल्लुक नहीं रखते हैं। हिंदू भी बीफ खाते हैं, क्रिश्चियन भी खाते हैं।
उन्होंने कहा, यहां तक कि मैंने एक बार कर्नाटक असेंबली में भी कहा था कि आप कौन होते हो, मुझे ये बताने वाले कि मैं बीफ न खाऊं। यह खाने की आदत से जुड़ा मामला है। यह मेरा अधिकार है।
सिद्धारमैया का बीफ को लेकर ये बयान ऐसे वक्त पर आया है जब हाल में कर्नाटक में हलाल मीट का मुद्दा सामने आया था। इसको लेकर सियासी बवाल भी मचा था।
कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जनवरी 2021 में कर्नाटक वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण अधिनियम, 2020 लाई थी। इस कानून के मुताबिक हर तरह के मवेशियों को खरीदना, बेचना, परिवहन करना, वध करना और व्यापार करना अवैध है।
पशु चिकित्सक के प्रमाण पत्र के बाद ही कर सकते हैं वध
खास बात यह है कि कानून के दायरे में गाय, बैल, भैंस और बैल भी शामिल हैं। हालांकि 13 वर्ष से ज्यादा उम्र की भैंस और गंभीर रूप से बीमार मवेशी इस कानून में अपवाद हैं। वहीं इनका वध भी किसी पशु चिकित्सक की ओर से प्रमाणित करने के बाद ही किया जा सकता है।
इस कानून का पालन नहीं करने पर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
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