कर्नाटक हाई कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि 55 वर्षीय पति ने अपनी पत्नी के साथ ‘कामधेनु गाय’ की तरह व्यवहार किया जो एक तरह से मानसिक क्रूरता है।
कोर्ट ने कहा कि, पति का पत्नी के साथ कोई भावनात्मक संबंध नहीं था। इस तरह का रवैया मानसिक उत्पीड़न के तौर पर लिया जाता है।’
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दरअसल 2020 में एक फैमिली कोर्ट ने महिला की याचिका को खारिज कर दिया था और तलाक पर सहमति देने से इंकार किया था। इसके बाद महिला ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इसी याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने महिला को ऐसे पति से तलाक लेने की अनुमति दे दी।
ये है पूरा मामला
कर्नाटक के चिक्कमंगलुरु में वर्ष 1999 में दोनों दंपती शादी के बंधन में बंधे थे। 2001 में इन्होंने एक संतान को जन्म दिया। हालांकि दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं रहे। पत्नी लगातार पति की ओर से पैसों की डिमांड की बात करती रही।
परिवार का कर्ज चुकाने के लिए महिला ने दुबई में नौकरी की
परिवार का कर्ज चुकाने के लिए महिला ने दुबई में नौकरी कर ली। उसने पति के नाम पर खेत भी खरीदे। बावजूद पति ने काम को गंभीरता से नहीं लिया और पत्नी की कमाई पर ही रहने लगा।
यहां तक कि पत्नी ने उसके लिए 2012 में एक सैलून भी खुलवा दिया। लेकिन 2013 में वह भारत वापस आ गया। पत्नी ने बताया कि वो 60 लाख रुपए से ज्यादा पति को दे चुकी है, लेकिन अब सब्र का बांध टूट गया है और वो पति से तलाक चाहती है।
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