अचबल में आतंकी हमले में शहीद हुए फिरोज डार को लोगों ने अश्रुपूर्ण विदाई दी। लेकिन उनके अंतिम यात्रा में शामिल हुए लोगों को उनके द्वारा साल 2013 में लिखी गई फेसबुक पोस्ट सभी को बरबस याद आ रहा था। जिसमें डार ने लोगों को अपनी अंतिम यात्रा के बारे में कल्पना करने की बात कही थी।
18 जनवरी 2013 को डार ने जो लिखा था उसके मुताबिक, क्या आपने एक पल भी ठहरकर खुद सवाल किए हैं कि पहली रात को मेरे क्रब में मेरे साथ क्या होगा। उस पल के बारे में सोचना जब जब तुम्हारे शव को नहलाया जा रहा होगा और तुम्हारी कब्र तैयार की जा रही होगी। फिरोज डार ने फेसबुक पर लिखा था कि तुम उस दिन के बारे में याद करो जब लोग तुम्हारे जनाजे को ले जा रहे होंगे और तुम्हारे परिवार वाले रो रहे होंगे। उस पल के बारे में सोचो जब तुम्हें क्रब में डाला जा रहा होगा।
मिली जानकारी के मुताबकि, आतंकियों द्वारा जवानों के शव को क्षत विक्षत करने की भी कोशिश की गई। तो जब फिरोज डार का शव उनके गांव पहुंचा तो लोगों की आंखे नम थी। गांव के लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके घर के बाहर एकत्रित थे।
वहीं डार की दो बेटियों को समझ नहीं आ रहा था कि उनके घर पर लोगों का हूजुम क्यों जमा हुआ है। फिरोज डार की दो बेटियों ने नाम अदाह और सिमरन हैं, जिनकी उम्र 6 साल और 2 साल है। जब डार का शव घर पहुंचा तो उनकी पत्नी मुबीना अख्तर और उनके वृद्ध माता पिता का रो रोकर हाल बुरा था। डार को उनके गांव के नजदीक डोगरीपुरा स्थित पैतृक कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शुक्रवार को एक बार फिर आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में 6 पुलिसकर्मी और 1 सब इंस्पेक्टर शहीद हो गए। ये हमला आतंकवादियों ने अनंतनाग जिले के अचबल में घात लगाकर किया था। इससे पहले शुक्रवार को दक्षिणी कश्मीर के अनंतनाग में सेना और पुलिस ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जुनैद मट्टू समेत 2 आतंकियों को मार गिराया था। जिसके बाद पुलिस बल पर घात लगाकर हमले किए गए।