केंद्र सरकार से मांगा हलफनामा जस्टिस एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस की पीठ सात डॉक्टरों की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें अखिल भारतीय कोटा के ओपन राउंड काउंसलिंग 7 मई को समाप्त होने के बाद भी खाली रह गईं सीटों के लिए विशेष राउंड की काउंसलिंग आयोजित कराने की मांग की गई है। अदालत ने केंद्र सरकार और एमसीसी को एक जवाबी हलफनामा दायर करने का भी निर्देश दिया।
केंद्र के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे अदालत शीर्ष कोर्ट ने पूछा है कि अतिरिक्त मॉप-अप काउंसलिंग राउंड आयोजित करके इन सीटों को क्यों नहीं भरा गया। शीर्ष अदालत ने केंद्र के प्रतिनिधि के पेश नहीं होने पर भी नाराजगी जाहिर की।
सीटें खाली रखने से क्या मिलेगा? पीठ ने कहा कि जब आपको बड़ी संख्या में विशेषज्ञ डॉक्टरों की आवश्यकता है तो सीटें खाली रखने से क्या मिलेगा? पीठ ने एससीसी से पूछा कि आपको एक और मॉप-अप राउंड आयोजित करना चाहिए था। क्या आपके द्वारा कोई जिम्मेदारी महसूस की गई है? पीठ ने कहा कि आप कोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों कर रहे हैं? यह डॉक्टरों के भविष्य से जुड़ा गंभीर मामला है। आप उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जबकि हमारे देश में डॉक्टरों की कमी है। हर बार कोर्ट को दखल देना पड़ता है।
मुआवजे का आदेश देने पर विचार शीर्ष अदालत ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए चेतावनी दी कि वह सरकार को डॉक्टरों की जिंदगियों और भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए मुआवजे का आदेश देने पर विचार कर सकती है। पीठ ने कहा कि ’अगर एक भी सीट खाली है, तो उसे भरा जाना चाहिए और बर्बाद नहीं होने दिया जाना चाहिए। … अगर छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, तो हम आपके खिलाफ डॉक्टरों के जीवन और उनके भविष्य के साथ खेलने के लिए मुआवजे का आदेश देंगे।’