हरिजन बस्ती/मोहल्लों को अब से डॉ. आंबेडकर बस्ती/मोहल्ला बुलाया जाएगा। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब केजरीवाल सरकार ने डॉ. अम्बेडकर के नाम का सहारा लिया हो। इससे पहले भी आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली सरकार के सभी दफ्तरों में डॉ. आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर लगाने का आदेश दिया था।
यह भी पढ़ें – सीएम अरविंद केजरीवाल का आरोप, सत्येंद्र जैन के बाद अब मनीष सिसोदिया को जेल में डालने की तैयारी मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बैठक में अधिकारियो के साथ कहा कि हरिजन शब्द असंवैधानिक है। ऐसे में जल्द ही कार्यवाही करके सभी कॉलोनियों का नाम बदला जाएगा।
सरकार ने खेला दलित कार्ड
दरअसल एक अनुमान के मुताबिक राजधानी में दलितों की आबादी करीब 16.75 फीसदी है। केजरीवाल सरकार के इस फैसले को आगामी नगर निगम चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
इसके अलावा पंजाब में भी पार्टी को दलितों के एक बड़े तबगे का साथ मिला है। ऐसे में दलितों के वोट बैंक को लेकर केजरीवाल सरकार के बड़ा कार्ड खेला है।
गांधी नहीं अम्बेडकर-भगत सिंह
सीएम केजरीवाल जब भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं तो उनके पीछे महात्मा गांधी की बजाए एक तरफ भगत सिंह और दूसरी तरफ डॉ. आंबेडकर नजर आते हैं। वह AAP को इन दो महापुरुषों के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी बता रहे हैं।
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