ऐसे में पहली नजर में धारा 354ए आरोपी के खिलाफ प्रभावी नहीं होगी।
जमानत देने के साथ ही कोर्ट ने यह भी अविश्वास व्यक्त किया कि, 74 वर्षीय शारीरिक रूप से अक्षम आरोपी वास्तविक शिकायतकर्ता को जबरदस्ती अपनी गोद में रख कर अश्लील हरकत कर सकता है।
दरअसल अभियोजन पक्ष ने ये आरोप लगाया कि चंद्रन ने वास्तविक शिकायतकर्ता के प्रति मौखिक और शारीरिक रूप से यौन उत्पीड़न किया। जो एक युवा महिला लेखिका है और फरवरी 2020 में नंदी समुद्र तट पर आयोजित एक शिविर में शामिल हुई थी।
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इसके बाद कोयिलांडी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए(2), 341 और 354 के तहत मामला दर्ज किया था।
वहीं जमानत की अर्जी जब सत्र न्यायालय के सामने आई तो आरोपी के वकील पी. हरि और सुषमा एम ने तर्क दिया कि, यह एक झूठा मामला है और आरोपी के खिलाफ उसके कुछ दुश्मनों ने बदला लेने के मकसद ये कहानी रची है।
आरोपी के वकील की ओर से अदालत में शिकायतकर्ता महिला की कुछ तस्वीरें भी पेश की गईं जो सोशल मीडिया अकाउंट पर थीं।
वकील ने कहा कि, वास्तविक शिकायतकर्ता अपने प्रेमी के साथ घटना की जगह पर थी और कथित घटना के समय कई लोग मौजूद थे और किसी ने भी आरोपी के खिलाफ ऐसी शिकायत नहीं की।
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