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वैक्सीन सर्टिफिकेट से नहीं हटेगी PM Modi की तस्वीर, केरल हाईकोर्ट का फैसला, याचिकाकर्ता पर लगा 1 लाख का जुर्माना

locationनई दिल्लीPublished: Dec 21, 2021 02:03:03 pm

कोरोना वायरस संकट के बीच वैक्सीन सर्टिफिकेट पर लगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को लेकर कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा है कि सर्टिफिकेट पीएम मोदी की तस्वीर नहीं हटेगी। यही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

Kerala HC Dismisses Plea To Reject Prime Minister Narendra Modi Photo From Vaccination Certificate
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) से जंग के बीच वैक्सीन सर्टिफिकेट ( Corona Vaccine Certificate ) पर पीएम मोदी ( pm modi ) की तस्वीर को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। कई राज्यों में इसको लेकर विरोध जताया जा चुका है। इस बीच देश के दक्षिण राज्य केरल से बड़ी खबर सामने आई है। यहां केरल हाईकोर्ट ने वैक्सी सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि वैक्सीन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री की तस्वीर को हटाया नहीं जाएगा। उच्च न्यायालय ने इसको लेकर दायर याचिका को भी मंगलवार को खारिज कर दिया है।

केरल हाईकोर्ट ( Kerala High Court ) ने मंगलवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने की मांग की गई थी। यही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल उच्च न्यायालय ने इस याचिका को खारिज करने के पीछे जो तर्क दिया है उसके मुताबिक ये याचिका राजनीति से प्रेरित और प्रचार प्रसार के लिए दायर की गई लगती है।

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डेढ़ महीने में जमा करना होगा जुर्माना

न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने याचिका दाखिल करने वाले पीटर मायलीपरम्पिल को 6 हफ्ते यानी डेढ़ महीने के अंदर केरल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (KLSA ) को एक लाख रुपए जमा करने का निर्देश भी दिया है।
…नहीं तो होगी कार्रवाई

यही नहीं कोर्ट अपने आदेश में कहा कि निर्धारित अवधि के अंदर अगर याचिकाकर्ता की ओर से राशि जमा नहीं कराई गई तो केएलएसए याचिकाकर्ता के खिलाफ राजस्व वसूली की कार्रवाई शुरू कर दे।
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कोर्ट के समय की बर्बादी


केरल उच्च न्यायालय ने इस तरह की याचिकाओं को लेकर सख्त टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिकाएं न्यायालय का समय बर्बाद करती है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ये भी काह कि लोगों और समाज को यह बताने के लिए जुर्माना लगाया जा रहा है कि इस तरह की तुच्छ दलीलें जो न्यायिक समय बर्बाद करती हैं, उन पर अदालत विचार नहीं करेगी।

कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता ने प्रधानमंत्री की तस्वीर और टीकाकरण प्रमाण पत्र पर ‘मनोबल बढ़ाने वाले उनके संदेश’ पर जो आपत्ति जताई है, ऐसा करने की ‘देश के किसी नागरिक से अपेक्षा नहीं’ है।

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