हाथियों और अन्य वन्य जीवों की दुर्घटनों में मौत पर हाईकोर्ट सख्त दिए ये आदेश
सिर्फ फोन कॉल प्रमाण नहीं
मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा कि, फोन कॉल को लेकर दिए गए प्रमाण ही यह साबित करने के लिए काफी नहीं है कि महिला व्यभिचार कर रही थी।
उच्च अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं और वे इससे पहले भी तीन बार अलग हो चुके हैं।
पत्नी ने दिखाई लापरवाही
कोर्ट ने कहा कि पहले अलग होने जैसे घटनाओं के बाद पत्नी को अपने रिश्ते के प्रति ज्यादा सतर्क रहना चाहिए था हालांकि उसने ऐसा नहीं किया। इससे साफ जाहिर है कि पत्नी ने अपने रिश्ते को लेकर काफी लापरवाहियां कीं।
पत्नी ने ससुराल वालों पर लगाए आरोप
दरअसल पत्नी पहले से ही अपने पति और ससुराल वालों से रिश्तों को लेकर आरोप लगाती आ रही थी। वर्ष 2012 में पत्नी ने ससुराल वालों पर अत्याचार करने के आरोप लगाए थे। इससे पहले भी पति को शक था कि पत्नी किसी दूसरे शख्स के साथ संबंध में है।
शादी से पहले ऑफिस में शख्स के साथ संबंध
शादी से पहले ऑफिस में महिला के उसके साथ संबंध थे जो कि शादी के बाद भी जारी थे। कोर्ट ने व्यभिचार की बात खारिज करते हुए कहा कि पति ने पत्नी और तीसरे शख्स को कभी साथ में नहीं देखा इसलिए यह साबित करने के लिए सबूत पर्याप्त नहीं हैं।
तीसरे शख्स के साथ प्राइवेट बातें करती थी पत्नी
पति ने कोर्ट को बताया था कि उसकी पत्नी तीसरे शख्स के साथ देर रात प्राइवेट बातें करती थी। एक बार उसने पत्नी और तीसरे शख्स के बीच की प्राइवेट बातें सुन ली थीं। जब उसने सवाल किया तो पत्नी ने कहा कि वह शख्स उसके शरीर और मन पर पति से ज्यादा अधिकार रखता है।