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जानिए बूस्टर डोज को लेकर केंद्र सरकार की क्या है योजना, दूसरे टीके के बाद कितना होगा अंतर

locationनई दिल्लीPublished: Dec 27, 2021 06:43:15 am

Submitted by:

Ashutosh Pathak

देश में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज, जिसे प्रिकॉशन डोज भी कहा जा रहा है के बीच 9 से 12 महीने का गैप जरूर होना चाहिए। यह अभियान आगामी 3 जनवरी सोमवार से शुरू होगा। दूसरी ओर फ्रंट लाइन वर्कर्स को आगामी 10 जनवरी से बूस्टर डोज दी जाएगी।

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भारत सरकार ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर से बचने के लिए बूस्टर डोज की अनुमति तो दे दी है, मगर साथ ही कुछ शर्तें भी लागू की हैं। बूस्टर डोज फिलहाल फ्रंट लाइन वर्कर्स के अलावा 60 साल से अधिक उम्र के ऐसे बुजुर्गों को दिया जाएगा, जो कुछ अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। बूस्टर डोज के लिए केंद्र सरकार ने कुछ खास योजना बनाई है और इसे अमली जामा पहनाने के लिए रोड मैप तैयार किया है, जिसे जानना बेहद जरूरी है। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन यानी एनटीएजीआई इस मुद्दे पर भी विचार कर रहा है कि वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच अंतर 9 से 12 महीने का हो।
दरअसल, बूस्टर डोज उन्हें लगाई जाएगी, जिन्होंने दूसरी डोज लगवा रखी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज, जिसे प्रिकॉशन डोज भी कहा जा रहा है, के बीच 9 से 12 महीने का गैप जरूर होना चाहिए। हालांकि, कोविशील्ड और कोवैक्सीन के लिए तीसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच अंतर तय करने पर अभी बातचीत जारी है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों की मानें तो इस पर जल्द ही अंतिम फैसला ले लिया जाएगा।
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बहरहाल, इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा भी की थी कि अब भारत में 15 से 18 साल के किशोरों वैक्सीन लगाई जाएगी। यह अभियान आगामी 3 जनवरी दिन सोमवार शुरू होगा। दूसरी ओर फ्रंट लाइन वर्कर्स को आगामी 10 जनवरी से बूस्टर डोज दी जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने 15 से 18 वर्ष के किशोरों को वैक्सीन लगाने और फ्रंट लाइन वर्कर्स तथा बुजुर्गों के लिए बूस्टर डोज की घोषणा तब की है जब देश में कोरोना के ओमिक्रान वेरिएंट के केस तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर बूस्टर डोज को लेकर घोषणा भी की गई है कि 60 साल से अधिक उम्र वाले ऐसे बुजुर्गों को भी चिकित्सक की सलाह पर बूस्टर डोज दी जा सकेगी, जो अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं। ऐसे बुजुर्गों के लिए भी बूस्टर डोज की शुरुआत 10 जनवरी से होगी। हालांकि, भारत में बूस्टर डोज को प्रिकाॅशन डोज या फिर तीसरी डोज भी कहा जा रहा है।
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बहरहाल, नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन यानी एनटीएजीआई इस मुद्दे पर भी विचार कर रहा है कि वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर डोज के बीच अंतर 9 से 12 महीने का हो। भारत में 25 दिसंबर, शनिवार को वैक्सीन की 32 लाख 90 हजार 766 डोज लगी और इसी के साथ वैक्सीनेशन का आंकड़ा 141.37 करोड़ हो गया है। आंकड़ों पर गौर करें तो देश में 60 प्रतिशत से ज्यादा वयस्क लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है, जबकि 90 प्रतिशत वयस्क लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गई है।
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