आम बजट से पहले संसद में आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) पेश की जाती है। देश में अर्थव्यवस्था की मौजूद स्थिति की जानकारी देने और नीतिगत ‘नुस्खे’ सुझाने के लिए केंद्रीय बजट से पहले संसद में आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) पेश किया जाता है। सरल शब्दों में अगर कहा जाए तो, आर्थिक सर्वे देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का लेखा-जोखा होता है। यह देश की अर्थव्यवस्था का आईना है। Economic Survey के जरिए सरकार देश की इकनॉमी किस स्थिति में है, योजनाएं कितनी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। पूरे साल विकास का क्या ट्रेंड रहा। किस क्षेत्र में कितना निवेश हुआ। जैसे कई सवालों का दर्पण है।
1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। इकोनॉमिक सर्वे, बुधवार को पेश होने वाले 2023-24 के वास्तविक बजट के रंग और बनावट के बारे में कुछ इशारा कर देता है। जिसे अर्थशास्त्री अपने अनुसार समझ जाते हैं
कथित तौर पर पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में अस्तित्व में आया, जब यह बजट दस्तावेजों का हिस्सा हुआ करता था। 1960 के दशक में इसे बजट दस्तावेजों से अलग कर दिया गया और केंद्रीय बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा।