BSF अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में गेदे सीमा चौकी पर तैनात 32 बीएन के बीएसएफ कर्मियों को खुफिया शाखा से गेदे-सियालदह लोकल ट्रेन द्वारा सोने की तस्करी के बारे में सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए जवान तुरंत सादे कपड़ों में ट्रेन में चढ़ गए और यात्रियों पर नजर रखने लगे। तीन महिलाओं का व्यवहार संदिग्ध लग रहा था। जवानों ने उन्हें तब ट्रैक किया जब वे गेदे से लगभग 20 किमी दूर मयूरहाट हॉल्ट पर उतरीं।
सादे कपड़ों में तैनात जवानों ने जैसे ही महिलाओं को इंतजार कर रहे एक व्यक्ति को कुछ पैकेज सौंपते हुए देखा, तभी उन्होंने उन्हें पकड़ लिया। जवानों को तलाशी में 20 सोने के बिस्कुट, चार सोने की ईंटें और सोने की ईंटों के आठ टूटे हुए टुकड़े मिले। यह सोना कोलकाता ले जाया जाना था। गिरफ्तार महिला तस्करों की पहचान गेदे के माझेरपारा गांव निवासी अपर्णा बिस्वास, आशिमा मुहुरी और मिताली पाल के रूप में हुई है। व्यक्ति की पहचान नादिया के विजयपुर के चांदपुर गांव निवासी सौमेन बिस्वास के रूप में हुई है।
अधिकारी ने कहा महिलाओं ने दावा किया कि वे अपने गांव के एक अज्ञात व्यक्ति के लिए काम करती थीं जिसने उन्हें मयूरहाट तक सोना ले जाने और सौमेन बिस्वास को सौंपने के लिए एक हजार रुपये देने का वादा किया था। व्यक्ति फोन पर मिताली के संपर्क में था। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी और प्रवक्ता एके आर्य ने कहा कि कुख्यात तस्कर गरीब ग्रामीणों को निशाना बनाते हैं और उन्हें थोड़े से पैसे का लालच देकर ऐसी गतिविधियों में शामिल करते हैं।