scriptबचत का Rajasthani Funda : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नए संसद भवन की लागत के 70 फीसदी बराबर 660 करोड़ की राशि 3 साल में बचाई | Lok Sabha Speaker Om Birla saved 80 of the cost of central vista | Patrika News

बचत का Rajasthani Funda : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने नए संसद भवन की लागत के 70 फीसदी बराबर 660 करोड़ की राशि 3 साल में बचाई

locationजयपुरPublished: Jun 24, 2022 02:56:29 pm

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Swatantra Jain

भारत सरकार द्वारा नए संसद भवन के लिए शुरू किया गया सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट लगातार विवादों में रहा है। इसकी मुख्य आलोचना इसकी भारी लागत को लेकर रही है। इस प्रोजेक्ट की आरंभिक लागत के अनुसार इसे 977 करोड़ रुपये में पूरा करने की स्वीकृति मिली थी। इस सबके बीच अब खबर आई है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कुशल प्रबंधन से इस खर्च के लगभग 70% प्रतिशत राशि लोकसभा खर्च के लिए मिली राशि में से बचाई है।
 

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नए संसद भवन के निर्माण पर खर्च हो रहे करीब 900 करोड़ रुपए को लेकर सियासी दलों में बहस होती रही है। वहीं, दिलचस्प तथ्य यह है कि लोकसभा को तीन साल में मिले बजट में से करीब 700 करोड़ की बचत की गई है। यह संसद भवन निर्माण राशि का करीब 70 फीसदी हिस्सा बैठता है। सूत्रों के मुताबिक लोकसभा को तीन साल में करीब 2500 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बेहतर वित्तीय प्रबंधन से इसमें से करीब 700 करोड़ रुपए की बचत की गई। पद संभालते ही बिरला ने फिजूलखर्ची रोककर बचत पर ध्यान दिया। तकनीक का उपयोग बढ़ाया गया। कागज के उपयोग में खासी कमी की गई। इसके साथ ही लोकसभा सचिवालय की खरीदारी में सरकार के जेम पोर्टल को प्रोत्साहित करने जैसे कदमों ने सरकारी धन की बचत में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पिछले अध्यक्षों की अपेक्षा अधिक बचत
बिरला से पहले भी लोकसभा अध्यक्षों ने बचत पर ध्यान दिया है लेकिन, तीन साल की बचत ने पिछले 6 लोकसभा अध्यक्षों के कार्यकाल के रेकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। लोकसभा के सूत्र कहते हैं कि भले ही बचत की गई राशि से संसद का नया भवन नहीं बन रहा हो, लेकिन कहीं न कहीं यह राशि सरकार के खजाने में ही जमा हो रही है।
बढ़ चुकी है मूल लागत

बता दें, नई संसद (New Parliament) यानी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) की लागत में पिछले दिनों 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी की खबर भी आई थी। इस तरह दिसंबर 2020 में हुए इस परियोजना के उद्घाटन के एक साल बाद इसकी लागत को बढ़ा दिया गया है। टाटा प्रोजेक्ट्स सेंट्रल विस्टा का काम करा रहा है। बताया जा रहा है कि यह परियोजना करीब चालीस प्रतिशत तक पूरी हो चुकी है।
नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नए संसद भवन का निर्माण 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव था। इस प्रोजेक्ट में चार मंजिला राष्ट्रपति भवन का भी निर्माण शामिल है। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसी प्रकार राज्यसभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।
नई इमारत में ज्यादा सांसदों के लिए जगह होगी, क्योंकि परिसीमन के बाद लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है। करीब 1400 सांसदों के बैठने की जगह होगी। इसमें लोकसभा के लिए 888 (वर्तमान में 543) और राज्यसभा के लिए 384 ( वर्तमान में 245) सीट होगी।
अक्तूबर तक समय सीमा थी निर्धारित लेकिन अब बढ़ी

पीएम मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। इसके अक्तूबर 2022 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद थी। लेकिन अब समय सीमा बढ़ा दी गई है। क्योंकि कोविड महामारी की वजह से कार्य धीमा हुआ है। हालांकि, कोविड के कारण सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
हर सांसद के लिए एक ऑफिस होगा संसद में

प्रत्येक संसद सदस्य के पास पुनर्विकसित श्रम शक्ति भवन में 40 वर्ग मीटर का कार्यालय स्थान होगा, जो 2024 तक पूरा हो जाएगा। नई इमारत देश भर के कारीगरों और मूर्तिकारों के योगदान के साथ देश की गौरवशाली विरासत को भी प्रदर्शित करेगी।
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