स्टेशन से गुजरते समय ट्रेन की रफ्तार काफी कम थी। घटना के बाद स्टेशन पर अफरातफरी मच गर्इ। रेलवे पुलिस के जवानों ने स्थानीय वेंडरो और यात्रियों की मदद से ट्रेन में सवार यात्रियों को नीचे उतारा। इस हादसे में आठ से दस यात्रियों को मामूली चोटें आर्इ जिन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। उन्होंने बताया कि लखनऊ से रिलीफ ट्रेन यात्रियों को लाने के लिए रवाना की जा रही है। वहीं यात्रियों को लखनऊ लाने के लिए बसों का इंतजाम भी किया गया है।
लखनऊ से रेलवे अधिकारियों का एक दल उन्नाव पहुंच चुका है। हादसे में एसी-थ्री टियर के कोच के अलावा पेंट्री कार भी पटरी से उतरी है। हादसे के बाद कानपुर लखनऊ रेलखंड पर यातायात आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है। यात्री ट्रेनों को धीमी रफ्तार से गुजारा जा रहा है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लगभग 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से प्लेटफार्म पार कर रही ट्रेन के डिब्बे तेज आवाज के साथ पटरी से उतर गए और लगभग 100 मीटर तक घिसटते चले गए। डिब्बों के पटरी से उतरने से प्लेटफार्म में धूल और धुंए का गुबार छा गया। उन्होंने बताया कि ट्रेन में यात्रियों की तादाद काफी कम थी। बर्थ पर आराम कर रहे कुछ यात्रियों के नीचे गिरने से चोटे आर्इ है।
ट्रेन के पटरी से उतरने की जांच आतंकवादी निरोधी दस्ता (एटीएस) करेगा। एटीएस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक दस्ता उन्नाव भेजा गया है जो हादसे के कारणों की बारीकी से जांच करेगा और अपनी रिपोर्ट पुलिस महानिरीक्षक रेलवे को सौंपेगा। बेपटरी डिब्बों को हटाने के लिए रेलवे के तकनीकी विभाग की टीम मौके पर पहुंच चुकी है।