साहू ने रामलाल एवं प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत से कहा कि वे गुटबाजी के चलते अगला चुनाव नहीं लडऩा चाहतीं। दोनों प्रभारियों को साहू ने बताया कि सागर संभाग में जारी गुटबाजी एवं जिलाध्यक्ष राजा दुबे की मनमानी के चलते वे 2018 का विधानसभा चुनाव नहीं लडऩा चाहतीं।
महिला विधायक का स्थानीय नेतृत्व के खिलाफ दर्द झलकने से हतप्रभ पदाधिकारियों ने मामले में दोनों पक्षों से अलग से चर्चा करने की बात कही है। साहू का आरोप है कि जिलाध्यक्ष दुबे सागर में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। महिला पदाधिकारियों से सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जा रहा है। उनकी विधानसभा में सीएम तो विकास कार्य करवा रहे हैं लेकिन स्थानीय संगठन सुरखी का बहिष्कार करने पर उतारू है।
जिलाध्यक्ष से जवाब-तलब महिला विधायक के आरोपों के बाद संगठन ने सागर संभाग के प्रभारी एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विनोद गोटिया को मामले की पड़ताल करने कहा है। संगठन ने जिलाध्यक्ष राजा दुबे को भी इस मामले में स्थिति साफ करने की हिदायत दी है।
साहू के अलावा भी प्रबंध और जिला समिति में और भी महिलाएं हैं, किसी को शिकायत नहीं है। मैंने पारुल से उनकी प्रेस कांफ्रेंस के बारे में जानकारी मांग ली तो वे नाराज हो गईं। मैंने भी संगठन को इस मामले में सब साफ बता दिया है। – राजा दुबे, जिलाध्यक्ष, सागर
मैं पिछला चुनाव महज 141 वोटों से जीती थी। सागर जिलाध्यक्ष गुटबाजी बढ़ा रहे हैं, महिला विधायक एवं पदाधिकारियों के प्रति उनका रवैया ठीक नहीं है। संगठन को पार्टी विरोधी गतिविधियों की जानकारी देकर मैंने अगला चुनाव लडऩे से मना कर दिया है। – पारुल साहू, विधायक सुरखी