लोगों को असुविधा से बचाने के लिए कोर्ट ने कहा कि मंदिरों में फोन डिपॉजिट लॉकर स्थापित किए जाने चाहिए। इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति भी की जाएगी।
तूतीकोरिन जिले के तिरुचेंदूर में सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के अंदर मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाने के लिए एम. सीतारमन द्वारा दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि श्रद्धालु अपने मोबाइल फोन से मूर्तियों और पूजा की तस्वीरें लेते हैं, जो मंदिरों के नियमों के खिलाफ है। मोबाइल फोन के उपयोग से मंदिर और इसके कीमती सामानों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। मंदिर के कर्मचारियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि तिरुचेंदूर मंदिर के अंदर मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रतिबंधित होना चाहिए। उन्होंने यह आशंका भी व्यक्त की कि महिला श्रद्धालुओं की सहमति के बिना उनकी तस्वीरें लेने के संभावित हैं, जिनका दुरुपयोग किया जाएगा।
न्यायमूर्ति आर महादेवन और न्यायमूर्ति जे सत्य नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि गुरुवायुर में श्री कृष्ण मंदिर, मदुरै में मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर और तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर ऐसे कुछ उदाहरण हैं जहां मोबाइल फोन पर प्रतिबंध प्रभावी रूप से लागू है। इनमें से प्रत्येक मंदिर परिसर में प्रवेश करने से पहले मोबाइल फोन जमा करने के लिए अलग-अलग सुरक्षा काउंटर हैं।
अदालत ने निर्देश दिए है कि तिरुचेंदूर मंदिर में भी इसी तरह मोबाइल फोन के लिए सुरक्षा जमा काउंटर बनाकर और परिसर के अंदर सेल फोन के उपयोग को रोककर, मंदिर की मर्यादा और पवित्रता बनाए रखने के लिए इस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं।