
Maharashtra: महाराष्ट्र के सबसे बड़े जिले अहमदनगर की 12 सीटों में मौजूदा मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल (भाजपा) के शिरडी तथा कांग्रेस दिग्गज बाला साहेब थोराट के संगमनेर सीट से उतरने के कारण पूरे जिले के चुनाव पर सबकी नजर है। सियासी मिजाज जानने के लिए मैं अहमदनगर पहुंचा तो यहां यहां सरकारी दफ्तरों पर कहीं अहिल्यानगर तो कहीं अहमदनगर लिखा नजर आया। कुछ माह पहले ही महाराष्ट्र सरकार ने इसका नाम अहमदनगर से अहिल्यानगर करने का फैसला किया था। हालांकि इस फैसले से कई लोग नाराज दिखे।
चाय की दुकान पर बैठे अल्ताफ शेख बोले यहां कोई मुद्दा नहीं दिखता। महाराष्ट्र सरकार केवल शहरों के नाम बदलकर ही वोट लेना चाहती है। किसान और मजदूरों की चिंता किसी को नहीं है। अविनाश भोर ने कहा, किसानों को अभी भी फसलों का उचित दाम नहीं मिल रहा है। किसी भी दल से ज्यादा उम्मीद नहीं है, लेकिन वोट डालने जरूर जाएंगे। अहमदनगर शहर सीट पर एनसीपी के अजित और शरद पवार गुट के प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है। कोठी चौक पर मिले रामनाथ सदाफल बोले - यहां 'एक हैं तो सेफ हैं' जैसे नारों का कोई असर पडऩे वाला नहीं है। अहमदनगर का नाम बदलने की नाराजगी का फायदा विपक्षी एमवीए को मिल सकता है
शिरडी सीट पर कांग्रेस, शिवसेना और भाजपा से लड़ कर गत 35 साल से विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी प्रभावती घोगर से है लेकिन बागी भाजपाई डॉ. राजेंद्र पिपाड़ा ने निर्दलीय ताल ठोंक कर उनकी मुसीबत बढ़ाई है। हैदराबाद रोड पर मिले काले किरण को सरकार की ओर से शहर काविकास न करने की शिकायत है। उन्होंनेद्वा, यहां प्रसिद्ध साईं बाबा मंदिर में रोजाना हजारों श्रद्धालु आने के बावजूद सरकार शहर के विकास पर ध्यान नहीं दे रही। जो भी विकास हुआ है, शिरडी ने करवाया। लोगों की शिकायत के बीच इस पर नजर है कि बागी से जूझते विखे पाटिल अपना विजयी अभियान जारी रख पाते हैं या नहीं। संगमनेर सीट पर कांग्रेस दिग्गज बालासाहेब थोराट का शिवसेना के अमोल धोंडीबा खटाल से सीधा मुकाबला हैं।
Published on:
11 Nov 2024 08:23 am
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