मालेगांव विस्फोट में जान गवां चुके 19 वर्षीय एक युवक अजहर के पिता निसार अहमद का कहना है कि अब तो अल्लाह से ही उम्मीद बची है और वहीं से न्याय मिल सकेगा।
मालेगांव। वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की विशेष लोक अभियोजक रोहिणी सालियान के इस बयान, नई सरकार के आने के बाद से राष्ट्रीय जांच एजेन्सी (एनआईए) उन पर सॉफ्ट रहने का दबाव डाल रही है, के बाद इस विस्फोट में जान गवां चुके 19 वर्षीय एक युवक अजहर के पिता निसार अहमद का कहना है कि अब तो अल्लाह से ही उम्मीद बची है और वहीं से न्याय मिल सकेगा।
पेशे से कबाड़ व्यवसायी निसार ने कहा कि उसे बहुत भरोसा था कि इस मामले में जल्द ही न्याय मिल जाएगा। आज हमने महसूस किया कि अब तो केवल अल्लाह के दरवाजे पर ही न्याय मिल सकता है। मुझे उम्मीद नहीं है कि मेरे मृत पुत्र के लिए अब कोई न्याय दिला सकेगा। अभियुक्त के साथ नरम रवैया अपनाने का सवाल ही नहीं
उधर, राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के महानिदेशक शरद कुमार ने कहा कि किसी भी अभियुक्त के साथ सॉफ्ट रहने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में ट्रायल तो अभी तक शुरू ही नहीं हुई है।
निश्चित रूप से किसी के साथ सॉफ्ट या हार्ड रहने का कोई प्रश्न नहीं है। हमने तीन अभियुक्तों से हिरासत में पूछताछ की अनुमति मांगी है। हमारा आवेदन सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है। कुमार ने कहा कि अभी जांच जारी है। हमारा कोई भी अधिकारी रोहिणी से नहीं मिला है। मैं यह दावे से कह सकता हूं।