ममता ने सरकार के इस फैसले को लेकर कहा कि ये फैसला आम आमदी विरोधी है तथा आम आदमी की परेशानी को देखते हुए सरकार को अपने इस काले राजनीतिक निर्णय को वापस ले लेना चाहिए।
उसके अलावा उन्होंने कहा, ‘हमारे और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) के बीच भले ही विचारधारा का मतभेद हो लेकिन देश को बचाने के लिए हम उसके, कांग्रेस, सपा और बसपा के साथ काम करने के लिए तैयार हैं।’
ममता ने सरकार के इस निर्णय को आम आदमी के खिलाफ बताते हुए कहा कि ये कदम गरीब के खिलाफ है। मैं गरीब लोगों के दुख जानने के लिए कई बैंकों में गई। दो लाख से ज्यादा एटीएम बंद हैं, उनमें पैसे नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि केवल 1 प्रतिशत के पास कालाधन है पर अन्य 99 प्रतिशत लोगों को परेशान किया जा रहा है। यह निर्णय बिना सोचे और समझे लगा दिया, यह गलत है। उन्होंने कहा, ‘आधी रात में इस तरह का फैसला ले लिया गया लेकिन सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोगों को इस बारे में जानकारी थी।’
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने मंगलवार को 500 और 1000 रुपए के नोट पर बैन लगा दिया था। उनके इस कदम की चारों तरफ प्रशंसा हो रही है। आम आदमी परेशान है पर वह खुश भी है। विपक्ष समेत कुछ पार्टियां इस सरकार के निर्णय