ममता बनर्जी ने 2021 में सरकार बनने के तुरंत बाद इस योजना को लागू कर दिया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी। पिछले साल जून में, कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ ने जनहित याचिका को खारिज कर दिया था तब कोर्ट ने कहा था कि योजना में कुछ भी “अवैध” नहीं था।
इसके बाद कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी और आज कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है।
इसके बाद कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी और आज कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है।
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बता दें कि पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने दुआरे राशन योजना के लॉन्च के बाद लोगों तक राशन पहुंचाने की व्यवस्था के लिए 21,000 राशन डीलरों को एक एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता की मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत डीलरों को वाहन ले जाकर एक जगह खड़ा करने के बाद 500 मीटर के दायरे में आने वाले घरों में राशन वितरण करना होगा। इसमें शामिल कर्मचारियों को आधी सैलरी सरकार की तरफ से दी जाती।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि उनका उद्देश्य एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना हो जहां कोई भूखा न रहे, जहां कोई महिला असुरक्षित महसूस न करे और जहां कोई दमनकारी ताकतें लोगों को बांट न दें।