ममता सरकार में मंत्री ब्रात्य बसु ने आज कहा कि आज हमने फैसला लिया है कि राज्यों के सभी विश्विद्यालयों के चांसलर राज्यपाल नहीं बल्कि सीएम होंगी। शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने बैठक के बाद कहा, “मुख्यमंत्री को राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति बनाने वाले विधेयक को बंगाल मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव को जल्द ही विधानसभा में एक विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।”
बता दें कि कुछ दिन पहले ही विश्विद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति को लेकर बंगाल में रस्साकसी की खबरें सामने आई थीं। बंगाल की ममता सरकार ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य सरकार की सहमति के बिना कई कुलपतियों की नियुक्ति कर दी। इसलिए राज्यपाल की शक्तियां कम करने के लिए ममता सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है।
अब सरकार विधानसभा की मदद से कानून में संशोधन करेगी, जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों का कुलपति बनाने का अधिकार सीएम के हाथ में आ जाएगा। इससे वाइस चासंलर और जितने भी ऑफिसिलयल अप्वाइंटमेंट में कोई दिक्कत न आए। कुल मिलाकर कहा जाए तो राजभवन और राज्य सरकार में तनावपूर्ण संबंधों के मद्देनजर ही कैबिनेट की तरफ से इतना बड़ा निर्णय लिया गया है।
बता दें कि बंगाल में राज्यपाल दफ्तर और ममता सरकार के बीच विवाद अकसर सुर्खियों में रहती है। राज्यपाल जगदीप धनखड़ लगातार राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते रहे हैं। जहां ममता बनर्जी राज्यपाल पर सीधे केंद्र के आदेश थोपने का आरोप लगाती हैं। वहीं, राज्यपाल कहते हैं कि वह जो भी कार्य करते हैं वह संविधान के मुताबिक होता है।