भाजपा सरकार में मणिपुर कर्फ्यू और हिंसा मुक्त हो गया था
अमित शाह ने कहाकि पिछले 6 वर्षों से जब से मणिपुर में भाजपा की सरकार आई मणिपुर बंद, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त हो गया था। मणिपुर में डबल इंजन की सरकार ने विकास के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की। पिछले 1 महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं। जिन नागरिकों की हमल की हिंसा में मृत्यु हुई है उनके परिजनों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी, मेरी तरफ से और भारत सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूं।
बुधवार रात की उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक
इससे पूर्व अमित शाह ने बुधवार रात एक उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की। जिसमें सभी सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को निर्देश दिया कि वे हिंसा को रोकने के लिए सशस्त्र बदमाशों के खिलाफ कड़ी और तेजी से कार्रवाई करें। और लूटे गए हथियारों को वापस लाने के लिए बरामद करें। अमित शाह ने बुधवार को दो हिंसा प्रभावित जिलों- तेंगनोपाल और कांगपोकपी का दौरा किया। जातीय हिंसा की आग में झुलस रहे मणिपुर में शांति बहाली के लिए केंद्र शिद्दत से जुट गया है। इसी कवायद के तहत मणिपुर की चार दिवसीय यात्रा पर अमित शाह मणिपुर पहुंचे।
मोरेह-कांगपोकपी का अमित शाह ने लिया जायजा
मणिपुर की अपनी यात्रा के तीसरे दिन, अमित शाह ने बुधवार को मोरेह और कांगपोकपी का दौरा किया और नागरिक समाज संगठनों और सुरक्षा बलों के साथ व्यापक चर्चा की। अमित शाह ने अधिकारियों को “कड़ी और त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया ताकि हिंसा को रोका जा सके और लूटे गए हथियारों को बरामद किया जा सके।
10 लाख का मुआवजा और नौकरी का ऐलान
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता राज्य में शांति स्थापति करना है। शांति भंग करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। मणिपुर सरकार ने ऐलान किया है कि, वह मणिपुर में जातीय संघर्ष में मरने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देगी। केंद्र व राज्य दोनों आधा-आधा खर्च उठाएंगे। साथ ही दंगे में मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी। यह भी पढ़ें – Video : Manipur Violence : इंफाल में पेट्रोल पंप पर लगी लंबी लाइनें, राजद ने की राष्ट्रपति शासन की मांग