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क्यों बड़ी बेंच को सौंपा गया?
कानूनी मतभेद इस मामले को बड़ी बेंच को सौंपे जाने की बड़ी वजह बनी। दरअसल Marital Rape मामले पर सुनवाई कर रहे जस्टिस राजीव शकधर और जस्टिस हरिशंकर के विचारों में कानून के प्रावधानों को हटाने को लेकर मतभेद था। ऐसे में इस मामले को बड़ी बेंच को सौंपा गया है। पीठ ने याचिकाकर्ता को शीर्ष अदालत में अपील करने की छूट दी है। बता दें कि इस मामले में पहले केंद्र सरकार ने मौजूदा कानून की तरफदारी की थी लेकिन बाद में यू टर्न ले लिया और इसमें बदलाव की वकालत की थी। हाई कोर्ट ने 21 फरवरी को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ये है मामला
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई थी कि शादी के बाद अगर महिला के साथ उसका पति उसकी मर्जी के खिलाफ शारिरिक संबंध बनाता है तो उसे मैरिटल रेप के दायरे में लाना चाहिए।
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