विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए पूरी जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “हमें ऐसी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है कि भारतीय छात्रों को बंधक बनाया गया है। हमने यूक्रेन के अधिकारियों से सपोर्ट करने की अपील की है ताकि हभारतीय नागरिक खारकीव से निकलकर पड़ोसी देश जा सकें।
विदेश मंत्रालय ने जारी सूचना में कहा, “इसके लिए हम रोमानिया, रूस, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मॉल्डोवा जैसे देशों से भी संपर्क में हैं। जिस तरह से यूक्रेन के अधिकारियों ने अपना समर्थन दिया है उसकी हम सराहना करते हैं। हम पश्चिमी देशों में यूक्रेन के पड़ोसी देश के आभारी हैं जो वो मदद के लिए पूरा साथ दे रहे हैं।”
विदेश मंत्रालय ने जारी सूचना में कहा, “इसके लिए हम रोमानिया, रूस, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मॉल्डोवा जैसे देशों से भी संपर्क में हैं। जिस तरह से यूक्रेन के अधिकारियों ने अपना समर्थन दिया है उसकी हम सराहना करते हैं। हम पश्चिमी देशों में यूक्रेन के पड़ोसी देश के आभारी हैं जो वो मदद के लिए पूरा साथ दे रहे हैं।”
रिपोर्ट्स में क्या किया गया था दावा?
बता दें पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति के फोन कॉल के बाद रूस की तरफ से ये दावा किया गया था यूक्रेन भारतीय छात्रों को बंधक बना रहा है। रूस की तरफ से ये भी दावा किया गया था कि यूक्रेनी सेना भारतीय छात्रों को खारकीव से बाहर निकलने नहीं दे रही और उन्हें मानवीय ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। वहीं, यूक्रेन ने रूस पर आरोप लगाए थे कि वो भारतीय छात्रों को बंधक बना रहा है।
यह भी पढ़े – रूस का दावा- यूक्रेन ने भारतीय छात्रों को खार्किव में बनाया बंधक
बता दें पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति के फोन कॉल के बाद रूस की तरफ से ये दावा किया गया था यूक्रेन भारतीय छात्रों को बंधक बना रहा है। रूस की तरफ से ये भी दावा किया गया था कि यूक्रेनी सेना भारतीय छात्रों को खारकीव से बाहर निकलने नहीं दे रही और उन्हें मानवीय ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। वहीं, यूक्रेन ने रूस पर आरोप लगाए थे कि वो भारतीय छात्रों को बंधक बना रहा है।
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