रिपोर्ट में देश के सभी क्षेत्रों के करीब 5 लाख 50 हजार बीटेक छात्रों की भर्ती के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। वहीं, एचआर टेक स्टार्टअप ‘गेटवर्क’ की अन्य रिपोर्ट से भी इस तथ्य की पुष्टि होती है कि भारत में नई भर्तियों में पुरुषों का वर्चस्व टूट रहा है। गेटवर्क की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टियर टू (टॉप 50 कॉलेज) और टियर थ्री (टॉप 100 कॉलेज) शिक्षा संस्थानों में महिला फ्रेशर्स की भर्तियों में सालाना आधार पर 116 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट में पिछले तीन साल की भर्तियों को विश्लेषण किया गया है।
‘हायर प्रो’ की रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि कैंपस हायरिंग में महिलाओं की भागीदारी अब बढ़कर एक तिहाई (34 फीसदी) तक हो चुकी है। रिपोर्ट के अनुसार कैंपस प्लेसमेंट में महिलाओं की सबसे अधिक भागीदारी दक्षिणी जोन से 39 फीसदी रही।
जोन महिलाएं (फीसदी में)
दक्षिणी जोन 39
पश्चिमी जोन 34
मध्य जोन 28
नॉर्थ जोन 27
ईस्ट जोन 24
स्रोत – हायर प्रो की रिपोर्ट
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि महिला कर्मियों को आकर्षित करने में आइटी सेक्टर सबसे आगे बना हुआ है। इसके अलावा अन्य इंडस्ट्रीज जिनमें महिलाओं की भागीदारी अधिक बनी हुई है, वे हैं बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, बीमा (बीएफएसआइ) व रिसर्च और डेवलपमेंट। वहीं गेटवर्क की रिपोर्ट के अनुसार, आइटी से ज्यादा महिलाओं को बीपीओ सेक्टर में मौके मिल रहे हैं। इसके अलावा महिलाओं को ऑपरेशन्स, ह्यूमन रिसोर्स सेक्टर में भी अच्छे मौके मिल रहे हैं।
गेटवर्क की रिपोर्ट की मानें तो, कॉरपोरेट सेक्टर में महिलाओं को भर्ती करने का रुझान स्पष्ट रूप से बढ़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, टियर टू व थ्री कॉलेज से 2023 महिलाओं के 5012 प्लेसमेंट हुए। जबकि 2021 में इनकी संख्या 337 और 2022 में 2318 थी।
सिर्फ आइटी या बीपीओ ही नहीं, महिलाएं अब एकाउंटेंसी में भी पुरुषों को वर्चस्व को तगड़ी चुनौती दे रही है। महिलाएं अब चार्टर्ड अकाउंटेंसी परीक्षा में विभिन्न स्तरों में टॉप ही नहीं कर रही हैं, बल्कि अब क्वालीफायर या पासआउट होने वालों में महिला उम्मीदवारों की संख्या रिकॉर्ड 48% तक पहुंच चुकी है। इस तरह देश के कुल सीए समुदाय में महिला सीए की हिस्सेदारी अब 30% हो चुकी है, जो कि 2000 में केवल 8% ही थी। देश में इस समय कुल 8.63 लाख के छात्र सीए के लिए विभिन्न स्तरों पर पंजीकृत हैं, इनमें 43% महिलाएं हैं।जानकारों का कहना है कि भारत में अकाउंटिंग और ऑडिटिंग की आउटसोर्सिंग नए अवसर लेकर आ रही है।