पासपोर्ट की जालसाजी यानी फ्रॉड को रोकने और यात्रियों की इमीग्रेशन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए यह फैसला मंत्रालय द्वारा लिया गया है। खास बात यह है कि e-पासपोर्ट के चलते विश्व भर में भारतीय यात्रियों का इमीग्रेशन (Immigration) सुगम होगा। इस पूरे मामले पर विदेश मंत्रालय ने संसद में कहा है कि नागरिकों को उन्नत सुरक्षा विशेषताओं वाली चिप समर्थित ई-पासपोर्ट जारी करने की योजना है।
क्या है इस पासपोर्ट की खासियत:
इन पासपोर्ट की खासियत यह है कि आवेदकों के व्यक्तिगत जानकारी पर डिजिटल तौर पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और चिप में स्टोर किए जाएंगे जिसे पासपोर्ट बुकलेट में शामिल किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति चिप से छेड़छाड़ करता है तो सिस्टम उसका पता लगा लेगी और इसके चलते पासपोर्ट वेरिफिकेशन विफल हो जाएगा जिसकी मदद से फ्रॉड होने की संभावनाएं कम हो जाएंगी।
केंद्र ने e-passport के लिए इलेक्ट्रॉनिक कांटैक्टलेस इनलेज़ की खरीद के लिए इंडिया सिक्योरिटी प्रेस-ISP, नासिक को मंजूरी दी है। आईएसपी, नासिक ने चिप-सक्षम ई-पासपोर्ट के लिए आवश्यक अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक कॉन्टैक्टलेस इनलेज़ की खरीद के लिए कॉट्रेक्ट प्रदान किया है। नासिक द्वारा टेंडर और खरीद प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद ई पासपोर्ट का निर्माण शुरू करने की योजना थी। हालांकि ई-पासपोर्ट को लेकर विदेश मंत्रालय जल्द घोषणा कर सकता है।
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