रक्षा अनुसंधान एवं
विकास संगठन (डीआरडीओ) के अध्यक्ष पद से “अग्नि मैन” अविनाश चंदर को हटाने के एक
दिन बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सफाई दी है।
उन्होंने कहा कि चंदर
का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका था। उन्होंने सिफारिश की थी कि इतने ऊंचे पद पर
कोई अनुबंध के जरिए न हो। इस वरिष्ठ पद पर किसी योग्य वरिष्ठ अधिकारी को बैठाया
जाना चाहिए। इसमें कोई विवाद नहीं है।
पर्रिकर ने कहा कि उनका मानना है कि
डीआरडीओ की कमान किसी युवा के हाथ होनी चाहिए। चंदर को हटाने को लेकर सिफारिश उन्हो
ंने ही की थी, इस पर चंदर ने सहमति जताई थी।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति
ने चंदर की सेवा समाप्ति को मंजूरी दी है, जो 31 जनवरी से प्रभावी होगी। चंदर की
जगह कौन लेंगे, इसका फैसला अभी नहीं हुआ है। हालांकि, प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक
शेखर बसु को डीआरडीओ की कमान सौंपी जा सकती है।
अग्नि मिसाइलों के विकास
में अहम भूमिका निभाने वाले चंदर 30 नवंबर, 2014 को 64 वर्ष की उम्र में
सेवानिवृत्त हो गए थे। हालांकि , अनुबंध के आधार पर वह अपने पद पर बने रहे, जो 31
मई 2016 को समाप्त होना था। पूर्व सरकार ने उनके सेवा विस्तार की मंजूरी दी
थी।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी कई परियोजनाओं में देरी के कारण डीआरडीओ
की कार्यप्रणाली के बारे में खेद जता चुके हैं।