केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि सात राज्यों में फैले ये 146 जिले जनसंख्या स्थिरीकरण में बाधा हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, असम और छत्तीसगढ़ के इन जिलों की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) तीन और उससे अधिक फीसद है। इसीलिए इन्हें उच्च गुणवत्ता वाले परिवार नियोजन को बढ़ाने के लिए चिह्न्ति किया गया है।
टीएफआर यानी प्रति महिला द्वारा जन्मे बच्चों की संख्या का मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) और शिशु मृत्यु दर (आइएमआर) से सीधा संबंध है। मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के तहत सरकार यह पता लगाने के लिए हर जिले का अध्ययन करेगी कि प्रजनन दर अधिक क्यों है। इसके बाद इससे निपटने के उपाए किए जाएंगे। नड्डा ने कहा कि टीएफआर अधिक होने से एमएमआर और आइएमआर ज्यादा होंगे। इसलिए टीएफआर को कम करने से एमएमआर और आइएमआर घटेगी।
सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा स्वास्थ्य मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय नवविवाहित जोड़े को परिवार नियोजन उत्पादों और स्वच्छता वाले किट बांटेगा। ये किट आशा कार्यकर्ताओं द्वारा बांटे जाएंगे और परिवार नियोजन के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा परिवार नियोजन को लेकर सास और बहू के बीच बेहतर संपर्क कायम करने के लिए सास-बहू सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इतना ही नहीं, इन जिलों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता के लिए विशेष बस ‘सारथी’ चलाई जाएगी।