शिमला के मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस मॉनसून सीजन में 716.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। वहीं, 734.4 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। मौसम विभाग ने पहले कहा था कि प्रदेश से 25 सितंबर को मॉनसून विदा होगा। पर आठ दिन देरी से 3 अक्तूबर को मॉनसून ने अलविदा हुआ है। पिछले साल 2021 में 8 अक्टूबर को मॉनसून की विदाई हुई थी और सामान्य से 12 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
मौसम विभाग के अनुसार, इस बार के मॉनसून सीजन में सबसे ज्यादा बारिश शिमला जिले में 898.6 मिलीमीटर हुई है। वहीं, सबसे कम बारिश लाहौल-स्पीति जिले में (168.3 एमएम) हुई है। सितंबर में सामान्य से 13 फीसदी अधिक पानी बरसा है। मंडी, लाहौल-स्पीति और चंबा जिला को छोड़कर प्रदेश के शेष सभी जिलों में सितंबर माह में सामान्य से अधिक बारिश देखी गई है। जून में सामान्य से 34 और अगस्त में चार फीसदी कम बारिश हुई है।
राज्य में भारी बारिश से अब तक 2192 करोड़ रुपए की सरकारी और निजी संपत्ति तबाह हो गई है। बीते 5 सालों में यह नुकसान सबसे ज्यादा है। इस साल 262 घर पूरी तरह जमींदोज हुए हैं। जबकि, 1,172 मकानों को मामूली नुकसान हुआ है। इसके अलावा 1109 गौशालाएं, 173 दुकानें और 63 घराट भी बारिश से तबाह हुए हैं।
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प्रदेश में मानसून के दौरान सबसे ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटनाओं के चलते हुई है। हिमाचल प्रदेश में इस मॉनसून सीजन में 432 लोगों की मौत हुई है। भूस्खलन और सड़क हादसों में 769 लोग घायल हैं, जबकि फ्लैश फ्लड में 15 लोग अभी भी लापता हैं। इसके अलावा, सीजन के दौरान 979 मवेशियों की मौत हुई है।