
शादी की फिजूलखर्ची पर लगेगी रोक, बारात में 50 लोग, 10 तरह के पकवान, 2500 का शगुन, लोकसभा में पेश हुआ बिल
Parliament Monsoon Session 2023: मानसून सत्र 2023 के दौरान लोकसभा में एक नया विधेयक पेश हुआ है, जो शादियों में आमंत्रित किए जाने वाले मेहमानों की संख्या और परोसे जाने वाले पकवानों की सीमा तय करने के अलावा विवाहित जोड़े के गिफ्ट पर खर्च की जाने वाली राशि की सीमा तय करने का प्रावधान करता है, ताकि फिजूलखर्ची पर लगाम लग सके। पंजाब के खडूर साहिब से कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने इस मामले में संसद में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है। बिल का नाम है (The Prevention of Wasteful Expenditure on Special Occasions Bill 2020) ‘विशेष अवसरों पर फिजूलखर्ची रोकथाम विधेयक 2020’। जसबीर सिंह गिल द्वारा लाए गए इस बिल में यह भी प्रावधान है कि फालतू उपहारों पर पैसे खर्च करने की जगह उन पैसों का उपयोग गरीबों, जरूरतमंदों, अनाथों या समाज के कमजोर वर्गों या समाजसेवा का कार्य करने वाले संगठनों को देना चाहिए ताकि पैसों का सदुपयोग हो सके।
महज 50 लोग ही बरात में हो पाएंगे शामिल
दरअसल, कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल द्वारा लाए गए इस बिल के अनुसार, बरात में सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो पाएंगे। साथ ही इसके तहत शादी में 10 से अधिक व्यंजनों को नहीं परोसा जा सकेगा। इसके अलावा शगुन या उपहार में 2500 रुपये से अधिक नहीं दिए जा सकेंगे। यह बिल अगर पास हो जाता है तो निश्चित ही फिजूलखर्ची पर लगाम लग जायेगा।
जसबीर बोले- मैंने इसे अपने घर में लागू कर दिया है
लोकसभा में बिल को पेश करते समय कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने 2019 में एक शादी में भाग लेने के बाद इस विधेयक की परिकल्पना की थी। उनके मुताबिक, 'वहां 285 ट्रे में व्यंजन थे। मैंने देखा कि ऐसी 129 ट्रे में से किसी ने एक चम्मच भी नहीं निकाला था। इसमें का सारा खाना बर्बाद हो गया, जिससे मुझे काफी दुःख पहुंचा। जितना पैसा इन पकवानों को बनाने में खर्च हुआ होगा उससे सैकड़ों गरीबों का पेट कई दिनों तक भर सकता था।' इस परिकल्पना के बाद मैंने इसे सबसे पहले अपने घर में लागू किया।
बिल लाने की जरूरत क्यों पड़ी?
प्राइवेट मेंबर बिल पेश करते समय गिल ने बताया- शादियों पर होने वाले खर्चे पर लगाम लगाने के लिए इस बिल को लाने की जरूरत पड़ी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद फिजूलखर्ची वाली शादियों की संस्कृति को खत्म करना है। क्योंकि यह परंपरा लड़की के परिवार पर बहुत बोझ डालती है।
एक लड़की की शादी करने के बाद उसके पिता कई वर्षों तक कर्ज में डूबे रहते हैं। उन्होंने कहा, मुझे ऐसी कई घटनाओं के बारे में पता चला जिसमें लोगों को अपने बेटियों की शादी के लिए अपनी जमीनें और घर तक बेचने पड़े हैं या फिर बैंक से लोन लेना पड़ा है। इस परंपरा को जड़ से खत्म करने के लिए इस बिल को लाया गया है।
Published on:
05 Aug 2023 05:21 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
