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RBI के मौन से संदेह के घेरे में नोटबंदी, इन महत्वपूर्ण सवालों के अब तक नहीं मिले संतोषजनक जवाब

locationछतरपुरPublished: Jun 30, 2017 08:26:00 am

Submitted by:

Abhishek Pareek

नोटबंदी के फैसले को लेकर लगातार विवादों में घिरी केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) अब हर सवाल पर मौन है।

नोटबंदी के फैसले को लेकर लगातार विवादों में घिरी केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) अब हर सवाल पर मौन है। गत वर्ष 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा के बाद कुल कितने नोट विभिन्न बैंकों के माध्यम से आरबीआई के पास लौटे? इस सवाल पर तो आरबीआई नोटों की गणना जारी होने का बहाना करते हुए चुप ही है, इस तथ्य की भी जानकारी भी नहीं दे रहा है कि नोटबंदी की घोषणा से पहले पांच सौ व एक हजार रुपए मूल्य वर्ग के कुल कितने नोट जारी किए गए थे। सूचना का अधिकार के तहत पेश एक प्रार्थना पत्र के एक हास्यास्पद जवाब में आरबीआई ने कहा है कि कुल कितने नोट जारी किए गए, यह सूचना एकत्र करने में उनके संसाधन प्रभावित होंगे। 
आरबीआई ने इस सवाल का जवाब देने से भी इनकार कर दिया कि नोटबंदी के बाद आम नागरिकों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और अब तक कितने नोट वापस आरबीआई में जमा नहीं हुए। निर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016 की धारा 5 के तहत किसी निर्दिष्ट बैंक नोट को जान-बूझकर अथवा स्वच्छा से रखना अपराध है, लेकिन ऐसे एक भी प्रकरण की जानकारी आरबीआई के पास नहीं है।
आरबीआई की पारदर्शिता के हाल पर सवाल

प्रश्न. नोटबंदी से पहले 500 व 1000 रुपए के कितने नोट जारी किए गए थे?

उत्तर. यह सूचना देने में उपलब्ध संसाधनों को अत्यधिक मात्रा में लगाना पड़ेगा।
प्रश्न. नोटबंदी के बाद 500 व 1000 के कितने नोट जमा हुए ? 31 दिसम्बर, 2016 के बाद 31 मार्च, 2017 तक आरबीआई के 5 ऑफिस में कितने नोट जमा हुए? 31 मार्च, के बाद कितने नोट जमा नहीं हुए?
उत्तर. आंकड़े मिलान के अधीन हैं।

प्रश्न – पीएम मोदी की सार्वजनिक घोषणा के बावजूद आरबीआई ने 30 दिसम्बर के बाद आम नागरिकों को पुराने नोट जमा करवाने का अवसर क्यों नहीं दिया?
उत्तर – यह सूचना नहीं है।

प्रश्न – पुराने नोटों को लेकर आरबीआई को देशभर से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई?

उत्तर – यह सूचना उपलब्ध नहीं है और एकत्र करने में स्रोत अनुपातिक रूप से विचलित होंगे।
प्रश्न. 31 दिसम्बर के बाद पुराने नोट रखना अपराध है, आरबीआई के पास ऐसे कितने मामले सामने आए?

उत्तर. वांछित सूचना उपलब्ध नहीं है।

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