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केरलः आंगनबाड़ी की नौकरी के साथ-साथ की पढ़ाई, मां ने बेटे संग क्लियर किया PSC Exam

locationनई दिल्लीPublished: Aug 10, 2022 10:00:29 am

Submitted by:

Prabhanshu Ranjan

Kerala Public Service Commission Exam: हाल ही में जारी हुई केरल पब्लिक सर्विस कमीशन के रिजल्ट में एक परिवार के लिए दोहरी खुशी आई। केरल के मल्लपुरम की रहने वाली आंगनबाड़ी सेविका बिंदू और उनके बेटे ने एक साथ इस परीक्षा में सफलता हासिल की।

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Mother Son Clears Kerala Public Service Commission Exam Together

Kerala Public Service Commission Exam: अगर कुछ करने की ठान लीजिए और उसके लिए सही तरीके से परिश्रम की जाए तो सफलता जरूर मिलती है। इस बात को आज सच कर दिखाया है कि केरल की 42 वर्षीय एक आंगनबाडी सेविका ने। इस आंगनबाड़ी सेविका ने अपनी नौकरी के साथ पढ़ाई जारी रखी और अब अपने बेटे के साथ केरल पब्लिक सर्विस कमीशन की कठिन परीक्षा को पास किया। मां-बेटे को एक साथ मिली इस सफलता से उनका परिवार फूले नहीं समा रहा है।

लाखों लोगों को प्रेरणा देने वाली यह कहानी है केरल के मलप्पुरम की। बेटे के साथ-साथ पीएससी का एग्जाम क्लियर करने वाली महिला बिंदू की उम्र 42 साल है। आम तौर पर इस उम्र में महिलाएं कई पारिवारिक दायित्वों में इस कदर फंस जाती है कि वो कुछ विशेष नहीं कर पाती। लेकिन परिवार के साथ-साथ नौकरी संभलाते हुए बिंदू ने बेटे विवेक के साथ राज्य की सबसे कठिन परीक्षा पास कर बड़ी मिसाल पेश की है।

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अपनी सफलता के बारे में बिंदू ने बताया कि जब बेटा दसवीं में था तब उसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खुद किताबें पढ़ना शुरू किया। बेटे ने ही मुझे केरल लोक सेवा आयोग (पीएससी) की परीक्षा की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। अब हम दोनों इस परीक्षा को पास कर चुके हैं। मुझे इसकी काफी खुशी है।

मिली जानकारी के अनुसार बिंदू ने ‘लास्ट ग्रेड सर्वेंट’ (एलडीएस) परीक्षा पास की है और उनकी 92वीं रैंक आई है जबकि उनके 24 वर्षीय बेटे विवेक ने अवर श्रेणी लिपिक (एलडीसी) की परीक्षा उत्तीर्ण की है तथा उसकी 38 वीं रैंक आई है। अब दोनों एक साथ सरकारी नौकरी में शामिल होंगे।

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एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए बिंदू ने बताया कि उन्होंने एक कोचिंग केंद्र में दाखिला लिया जहां उन्होंने अपने बेटे का भी दाखिला कराया। बिंदू ने कहा कि एलजीएस के लिए दो बार और एलडीसी के लिए एक बार कोशिश की तथा उनका चौथा प्रयास सफल रहा।

 

बिंदू ने बताया कि वह पिछले 10 वर्षों से आंगनबाड़ी में शिक्षिका हैं। विवेक ने बताया कि मैं अकेले पढ़ाई करना पसंद करता हूं। इसके अलावा, मां हमेशा पढ़ाई नहीं करती हैं। वह समय मिलने पर और आंगनबाड़ी की ड्यूटी के बाद पढ़ाई करती हैं। बिंदू और विवेक की यह सफलता वास्तव में समाज के लिए बड़ी मिसाल है।

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