SIP Calculator: अगर आप भविष्य के लिए बचत करने की सोच रहे हैं और बिना जोखिम के एक बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, तो सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। SIP के माध्यम से, आप नियमित छोटे निवेश करके अपने बड़े वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। एसआईपी में निवेश कम पैसे में शुरू कर सकते हैं, जैसे 100, 500 या 1000 रुपये से शुरुआत की जा सकती है, ज्यादा पैसों से भी शुरुआत कर सकते हैं। पैसे बचाने के लिए एसआईपी सबसे बेहतरीन रास्ता है, इसमें निवेशक के ऊपर किसी तरह का बोझ नहीं पड़ता है। अपनी आय के हिसाब से निवेश कर अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है।
फंड का नाम | 5 सालों का रिटर्न | 3 सालों का रिटर्न | मासिक निवेश |
एक्सिस ब्लूचिप फंड | 11.30% | 18.30% | 5000 |
एक्सिस फोकस्ड 25 फंड | 17.19% | 16.64% | 5000 |
डीएसपी इक्विटी फंड | 14.36% | 14.69% | 5000 |
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल टेक्नोलॉजी फंड | 33.91% | 41.39% | 5000 |
एचडीएफसी बैलेंस्ड एडवांटेज फंड | 15.50% | 16.60% | 5000 |
मान लिजिए, आप 10 साल में 50 लाख रुपये जमा करना चाहते हैं। इसके लिए आपको मासिक एसआईपी राशि का पता लगाना होगा। अगर हम यह मानलें कि आपका एसआईपी 12% सालाना रिटर्न देगा, तो आपका हर महीने लगभग 19,000 रुपये निवेश करने होंगे।
एसआईपी, यानी सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, एक ऐसा निवेश तरीका है जिसके माध्यम से आप म्यूचुअल फंड्स में नियमित रूप से एक निश्चित राशि निवेश करते हैं। SIP का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको निवेश की चिंता से मुक्त रखता है और बाजार के उतार-चढ़ाव की परवाह किए बिना आपके निवेश को बढ़ाने में मदद करता है। यदि आप भविष्य के लिए बचत करने की योजना बना रहे हैं और जोखिम के बिना एक बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, तो SIP आपके लिए सबसे उपयुक्त विकल्प है। इसके माध्यम से, आप नियमित छोटे-छोटे निवेश करके अपने बड़े वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, जैसे बच्चों की शिक्षा, घर खरीदना या रिटायरमेंट के लिए बचत करना।
SIP में आप हर महीने एक निश्र्चित राशि म्यूचुअल फंड में निवेश करते है, जिससे आपके निवेश की लागत औसत होती रहती है और बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है। यह राशि आपके बैंक खाते से सीधे कट कर म्यूचुअल फंड में जमा हो जाती है। इससे आपके निवेश का औसत लागत कम होता है क्योंकि आप बाजार की ऊंची और नीची दोनों स्थिति में खरीदते हैं, जिसे 'रुपया-औसत लागत' कहते हैं। इसमे म्यूचुअल फंड में निवेश एनएवी के मुताबिक किसी म्यूचुअल फंड में एसआईपी के जरिए निवेश करते हैं, उस वक्त एसेट वैल्यू के मुताबिक, म्यूचुअल फंड के एक यूनिट की कीमत तय की जाती है।
1.डिसिप्लिनेड इन्वेस्टमेंट: नियमित निवेश से आप अनुशासन में रहते हैं और बिना किसी अतिरिक्त मेहनत के आपका पैसा बढ़ता रहता है।
2.पॉवर ऑफ कंपाउंडिंग: लंबे समय तक निवेश करने से आपको ब्याज पर ब्याज मिलता है, जिससे आपका निवेश तेजी से बढ़ता है।
3.स्माल स्टेप्स, बिग गेंस: छोटे-छोटे निवेश से बड़े फंड्स बन सकते हैं, जो आपकी भविष्य की योजनाओं को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।
4.कम जोखिम: नियमित निवेश से बाजार के उतार-चढ़ाव का असर कम होता है और आप लंबे समय में अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।
1.अगर एसआईपी मिस कर दी है तो नुकसान हो सकता है।
2.हर महीने पैसों की जरूरत पड़ती है, जिसका इंतजाम करना पड़ता है।
3.नुकसान होने की आशंका रहती है।
4.बाजार में उतर-चढ़ाव हो तो उस वक्त अच्छा रिटर्न नहीं मिलता है।
5.अगर नियमित आय स्रोत नहीं है तो एसआईपी न भर पाने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।
1.म्यूचुअल फंड चुनें: अपने लक्ष्यों और जोखिम क्षमता के अनुसार एक उपयुक्त म्यूचुअल फंड चुनें।
2.KYC प्रक्रिया पूरी करें: एसआईपी में निवेश करने से पहले, आपको KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया पूरी करनी होती है। यह एक बार की प्रक्रिया है जिसमें आपको अपनी पहचान और पते का प्रमाण देना होता है।
3.ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करें: आप म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट या किसी वित्तीय सलाहकार की मदद से एसआईपी शुरू कर सकते हैं।
4.मासिक राशि तय करें: अपने बजट के अनुसार मासिक निवेश राशि तय करें। यह राशि आपकी आय और निवेश लक्ष्यों पर निर्भर करेगी।
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Updated on:
14 Jun 2024 01:07 pm
Published on:
13 Jun 2024 01:14 pm